पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं. साथ ही स्पष्ट किया कि वह सर्वदलीय जत्थे का नेतृत्व करेंगे, जो प्रार्थना करने के लिए करतारपुर साहिब जाएगा.
मुख्यमंत्री ने ये बयान उन खबरों के बीच दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान जाने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री की ऐसी कोई भी योजना है.उन्होंने कहा मेरे वहां (करतारपुर कॉरिडोर खुलने के लिए पाकिस्तान) जाने का तो सवाल ही नहीं उठता है और मुझे लगता है कि डॉ. मनमोहन सिंह भी नहीं जायेंगे.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाने और गुरुद्वारे जाने में बहुत अंतर है.मुख्यमंत्री की टिप्पणी उन सवालों के जवाब में आई है, जिसमें मीडिया के एक वर्ग द्वारा गलत दावा किए जा रहा था कि पाक ने डॉ. सिंह को आमंत्रित किया है और वह करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए सीमा पार जाएंगे.
जबकि असल बात यह है कि डॉ. सिंह ने कैप्टन अमरिंदर के जत्थे में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार किया है. एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें जन्मोत्सव के मौके पर मत्था टेकने जा रहे इस जत्थे का नेतृत्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं.
वहीं मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जहां तक पाकिस्तान का दौरा करने की बात है, तो वे तब तक वहां नहीं जाएंगे जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता है. उन्होंने कहा कि पाक के सीमा पार आतंकवाद का सबसे ज्यादा दर्द पंजाब ने झेला है इसीलिए जब तक यह रुक नहीं जाता, तब तक वहां जाने के बारे में सोच भी नहीं सकते.
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा इस मौके पर आयोजित किए जा रहे ऐतिहासिक समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से भी आग्रह किया था.
मोदी और कोविंद दोनों ने ही आमंत्रण स्वीकार कर लिया है जबकि डॉ. सिंह ने जत्थे में शामिल होने के लिए भी अपनी सहमति जता दी है. यह जत्था कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाएगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक गंदा खेल खेल रहा है, इस पर मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा कि यह सवाल प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछना चाहिए. जहां तक बात भारत की है तो वह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.