उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान आज

उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की कुल 73 सीटों पर आज मतदान होगा.उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में देश की राजधानी दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों- गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, एटा, फिरोजाबाद और कासगंज की 73 सीटों पर शनिवार को मतदान होगा.

इनमें मुजफ्फरनगर और शामली वे जिले हैं, जहां वर्ष 2013 में भयानक साम्प्रदायिक दंगे हुए थे और दंगों की आग कई महीने तक सुलगती रही थी. यह पूरा इलाका जाटलैंड और सुगरलैंड के नाम से मशहूर है.प्रथम चरण के चुनाव में 2.57 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे, जिसमें से 24 लाख ऐसे युवा मतदाता हैं जो पहली बार वोट डालने का कार्य करेंगे. उनकी आयु 18-19 वर्ष है.

कुल मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या 1.17 करोड़ है. इस चरण में कुल 836 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.प्रथम चरण की कुल 73 सीटों में से तकरीबन दो दर्जन सीटों को वीआईपी सीटें कहा जा सकता है, जिन पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इनमें देश के गृह मंत्री और भाजपा की प्रथम पंक्ति के नेता राजनाथ सिंह का नाम सबसे ऊपर है.

राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह पहली बार चुनाव मैदान में हैं और नोएडा सीट से भाजपा टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. नोएडा की नई नवेली सीट पर भाजपा का ही कब्जा पिछले चुनाव में भी था.किसी जमाने में जाटों के एकमात्र और निर्विवाद नेता माने जाने वाले चौधरी चरण सिंह के पुत्र  चौधरी अजीत सिंह और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की प्रतिष्ठा, राजनीतिक विरासत और भविष्य भी इसी चरण से जुड़ा हुआ है.

भाजपा के कद्दावर नेता और मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह अतरौली (जिला अलीगढ़) भी पहली बार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं.इस चरण में भाजपा सांसद हुकुमंिसंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर है क्योंकि उनके संसदीय क्षेत्र की कैराना विधानसभा सीट से उनकी पुत्री मृगांका सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं. मेरठ जिले की सरधाना सीट और शामली जिले की थानाभवन सीट भी वीआईपी है, जहां से क्रमश: निवर्तमान भाजपा विधायक संगीत सिंह सोम और सुरेश राना भाजपा उम्मीदवार हैं.

इस चरण की मथुरा विधानसभा सीट को भी हाईप्रोफाइल माना जा सकता है.इस सीट को कांग्रेस के प्रदीप माथुर ने पिछले तीन विधानसभा चुनावों से अपने कब्जे में कर रखा है. इस बार उनके खिलाफ भाजपा ने अपने तेजतर्रार प्रवक्ता श्रीकान्त शर्मा को उतारा है. गौतमबुद्ध नगर जिले की सिकन्दराबाद सीट भी वीआईपी है, जहां से समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुलायम सिंह के पौत्र और लालू प्रसाद के दामाद राहुल यादव अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर रहे हैं.

मेरठ शहर सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं, जहां से भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी हैट्रिक लगाने के लिए पूरी तैयारी मे हैं.रालोद प्रथम चरण की 73 सीटों में से 59 पर लड़ रही है, जिसमें से पांच मुस्लिम प्रत्याशी हैं. पहले रालोद का वोट बैंक ‘जाट-मुस्लिम’ हुआ करता था. लेकिन 2013 के दंगों ने दोनों (जाट-मुस्लिम) के बीच एक लम्बी खाई खींच दी है.

ऐसे में जाटों ही नहीं बल्कि पश्चिमी उप्र की सभी हिन्दू जातियों को पोलराइज कर हिन्दू वोट अपने खाते में डालने के लिए भाजपा पूरा जोर लगा चुकी है.दंगों के बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जाटों ने भाजपा को खुलकर वोट किया था. इस बार फिर हिन्दू मतों को पोलराइज करने के लिए भाजपा ने अपने फायर ब्रान्ड नेता महंत योगी आदित्यनाथ को प्रमुखता से इस क्षेत्र में चुनावी जनसभाओं में लगा रखा था. योगी ने कैराना और अन्य कस्बों से हिन्दुओं के पलायन, अवैध स्लाटर हाउस, बहन-बेटी की इज्जत को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया.

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