आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स के 17 फाइटर प्लेन्स लैंडिंग और टेक ऑफ करेंगे। इसमें जगुआर, सुखोई और मिराज कैटेगरी के फाइटर प्लेन शामिल हैं। इनके अलावा एमआई-17 हेलिकॉप्टर, कैरियर एयरक्राफ्ट हरक्यूलिस-सी 17 भी उड़ान भरेंगे। ये दूसरी बार है जब इस एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन लैंड करेंगे। देश में पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे पर इतने बड़े लेवल पर एयरफोर्स का टचडाउन होगा।
पिछले साल 21 नवंबर को भी इसी एक्सप्रेस वे पर टचडाउन हुआ था।टचडाउन 100 टैंकर पानी से आगरा एक्सप्रेस-वे की धुलाई की गई। छोटे-छोटे सुराख तक को सीमेंट के घोल से भर दिया गया है। रन-वे के दोनों तरफ 100 फीट की फेसिंग लगाई गई है, ताकि कोई अंदर नहीं आ सके। बैठने के लिए सोफे, कुर्सियां लगाई गई हैं। एयरफोर्स के अफसरों ने ड्रोन कैमरे के जरिए पूरे इलाके की निगरानी भी की ।
टच डाउन को देखने के लिए करीब 1000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जिसमें एयरफोर्स के अफसर, जिला प्रशासन, वीआईपी और मीडिया के लोग मौजूद रहेंगे।दूसरी बार होने वाली इस एक्सरसाइज में फाइटर प्लेन 3.2 किमी की एयरस्ट्रिप पर उतरकर 500 मीटर दौड़ उड़ान भरेंगे।पिछली बार नवंबर में सुरक्षा में चूक के चलते रनवे पर एक कुत्ता आ गया था, जिसकी वजह से चलते एक बड़ा हादसा होने से बच गया, इस बार प्रशासन ने पूरे रनवे के किनारे फेंसिंग लगा दी है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे कुल 302 किमी का है। इसमें 6 लेन हैं। एक्सप्रेस वे पर जिस एरिया में एयर स्ट्रिप बनाई गई है, वह उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र में आता है। इस एयर स्ट्रिप की लंबाई 3.2 किमी है।डिफेंस ऑफिशियल्स की मानें तो यह क्षेत्र चीन (डोकलाम बॉर्डर) और पाकिस्तान (राजस्थान से लगे बॉर्डर) की मिसाइल रेंज से बाहर है। इमरजेंसी में फाइटर जेट यहां से आसानी से उड़ान भर सकेंगे।
फाइटर प्लेन लैंडिंग की वजह से एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया गया है। वहीं, आगरा से आने वाले वाहनों को कानपुर के अरौल में एक्सप्रेस वे से नीचे उतार दिया जा रहा है।इसके बाद यहां से गाड़िया कानपुर की ओर 6 किलोमीटर चलेंगी। ये गाड़िया बिल्हौर बांगरमऊ मार्ग पर मुड़ने के बाद बांगरमऊ पहुचेंगी। यहां से बांगरमऊ से मियागंज, हसनगंज व मोहान होते हुए लखनऊ पहुचेंगी।
एयरफोर्स की इस एक्सरसाइज की वजह से आस-पास के गांव के लोगों में बहुत उत्साह है। गांव वाले एक्सप्रेस-वे पर बनी एयर स्ट्रिप को देखने आ रहे हैं।एक ग्रामीण रमेश कहते हैं कि हवाई पट्टी को देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। हवाई जहाज को पास से देखकर बहुत अच्छा लगता है। एक महिला कमला कहना है हमें बहुत अच्छा लगता है जब हवाई जहाज यहां उड़ते हैं। हमने पिछली बार भी यहां जहाज देखे थे।
इससे पहले 21 नवंबर को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के इनॉगरेशन के वक्त मिराज और सुखोई विमानों ने यहां टचडाउन किया था।उस प्रोग्राम में तब सीएम रहे अखिलेश यादव और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह भी मौजूद थे।जंग के दौरान सबसे पहले हवाई हमले एयरबेस और एयरपोर्ट पर ही किए जाते हैं, ताकि फाइटर प्लेन उड़ान न भर सकें।ऐसे में, एक्सप्रेस-वे पर बनी एयर स्ट्रिप ही फाइटर प्लेन के लैंड करने और टेक ऑफ करने के काम आती है।
इसी बात का ध्यान रखते हुए एयरफोर्स चाहती थी कि देश में स्ट्रैटजिकल इम्पॉर्टेंस वाले हाईवे पर एयर स्ट्रिप बनाई जाएं।नोएडा से आगरा के बीच बना यमुना एक्सप्रेस-वे देश का पहला एक्सप्रेस-वे है, जहां एयरफोर्स ने फाइटर प्लेन जगुआर को उतारा था।इसके बाद इसी तरह की एयर स्ट्रिप लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई।अब लखनऊ से बलिया तक बनने जा रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी इसी तरह की एयर स्ट्रिप बनाई जाएगी।
इसके बन जाने के बाद यूपी में तीन एक्सप्रेस-वे हो जाएंगे, जहां फाइटर प्लेन उतारने की फैसिलिटी होगी।यूपी में फाइटर जेट्स के लिए इलाहाबाद एयरबेस मुख्य है। इनके अलावा लखनऊ के बीकेटी एयरबेस पर भी मिग फाइटर प्लेन उतरते रहे हैं, लेकिन यहां ट्रांसपोर्ट प्लेन सी 130 को अभी तक नहीं उतारा गया है।वहीं, बनारस और गोरखपुर एयरपोर्ट पर भी फाइटर प्लेन को उतारा जा सकता है।