पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विरोध को अनुचित और अवांछनीय करार देते हुए किसान यूनियनों से नारेबाजी बंद करने और पंजाब के घटते जल स्तर को रोकने के लिए राज्य सरकार का साथ देने के लिए कहा।
मान ने कहा कि किसानों के लिए बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन खोखले नारे घटते जल स्तर पर लगाम लगाने के उनके संकल्प को नहीं तोड़ सकते। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और फसल उत्पादकों की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री बुधवार तक प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक नहीं करते हैं, तो वे अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करने के लिए चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे।
एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनके मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो उन्हें अवरोधकों को तोड़ना पड़ेगा और फिर चंडीगढ़ की ओर बढ़ना होगा। केंद्र शासित प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए अवरोधक लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार छोड़ने के लिए वाहन तैनात किए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कई किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक वर्ष के लंबे आंदोलन की तर्ज पर चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया है।
अपनी विभिन्न मांगों में किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं क्योंकि भीषण गर्मी की स्थिति के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं। वे बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के पंजाब सरकार के फैसले के भी खिलाफ हैं।
हालांकि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे। वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं। वे राज्य सरकार से बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने और बकाया गन्ना भुगतान जारी करने की भी मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं।राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर पंजाब के किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि उन्हें पंजाब सरकार की ओर से बैठक के लिए संदेश मिला है, लेकिन वे मुख्यमंत्री मान से मिलना चाहते हैं और कहा कि उन्हें किसी सरकारी अधिकारी से मिल कर अपने मुद्दों के समाधान की उम्मीद नहीं है। ऐसी सूचना है कि मान दिल्ली गए हैं।
पंजाब के विभिन्न हिस्सों से आये किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए हैं। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली, बसों और अन्य वाहनों में राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर और रसोई गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक सामान लेकर आए हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे अवरोधकों का दूसरा स्तर नहीं तोड़ें और इसके बजाय शांतिपूर्वक विरोध शुरू करें। दल्लेवाल ने कहा आगे बढ़ना (अवरोधक तोड़कर) आपके लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
लेकिन हम यहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठेंगे। हम यहां विरोध प्रदर्शन करेंगे।।। यह दिल्ली में आंदोलन की तरह है।भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा हम इस प्रदर्शन को जीतेंगे।
एक अन्य किसान नेता ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे बुधवार को अवरोधकों को तोड़कर चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे।
मोहाली पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद मोहाली में किसान सड़क के बीचो-बीच अपने वाहन खड़े कर वहीं रुक गए। उनमें से कुछ ने वहां चाय बनाना भी शुरू कर दिया। पुलिस को वाईपीएस चौक के पास चंडीगढ़-मोहाली रोड पर यातायात को वैकल्पिक रास्तों पर मोड़ना पड़ा।
आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और वह उनकी वास्तविक मांगों को पूरा करेगी। इससे पहले दिन में पुलिस उप महानिरीक्षक गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने किसान नेताओं से मुलाकात की थी।