आज दिल्ली में देशभर के किसान जुटेंगे। वे कर्जमाफी- फसलों की कीमतों समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन दो दिन चलेगा। 29 नवंबर को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से रामलीला मैदान तक और 30 नवंबर को रामलीला मैदान से संसद भवन तक मार्च निकाला जाएगा, धरना दिया जाएगा।
इसमें भाजपा को छोड़कर अन्य कई राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल होंगे।ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने दावा किया कि यह देश में हुए सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक होगा।
समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बताया कि मार्च और धरना-प्रदर्शन के बाद ग्रामीण इलाके से आने वाले प्रमुख गायक और कवि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की समस्याएं रखेंगे।
मोल्लाह ने कहा कि इन शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में देश के 207 छोटे-बड़े किसान संगठन शामिल होंगे। यह भारत के इतिहास में पहला मौका होगा, जब 200 से ज्यादा किसान संगठन एक बैनर के तले विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
धरना प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए आंध्रप्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के अलावा सभी विपक्षी पार्टियों के बड़े नेताओं को बुलाया गया है।जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव ने कहा कि यह हमारे लिए अच्छा मौका है।
हम सरकार को किसानों की समस्याएं सुनने के लिए संसद में विशेष सत्र बुलाने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए मेघालय, गुजरात, केरल और जम्मू-कश्मीर से किसान दिल्ली पहुंचने लगे हैं।
इससे पहले अक्टूबर में किसानों ने दिल्ली में कर्जमाफी, गन्ना का बकाया समर्थन मूल्य और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों को तुरंत लागू करने की मांगों को लेकर धरना दिया था। इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुई थीं। हालांकि, सरकार से बातचीत के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म कर दिया था।