भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिल पर बात न करके सिर्फ योजनाओं पर बात कर रही है. किसान कानून में जो संशोधन चाहते हैं उन्हें करने के लिए सरकार तैयार नहीं है. इसलिए कानून रद्द करने की मांग पर किसान अड़े हैं.
टिकैत ने कहा कि सरकार बातचीत में मसला हल करने की बात करती है. लेकिन MSP की बात करने पर चुप्पी साध लेती है. लेकिन किसान भी कानून को रद्द करवाने का मन बनाकर आए हैं. हमारा साफ कहना है बिल वापसी. हमने सरकार से कहा था कि एमएसपी पर कानून बनाओ.
लेकिन वो लिखित में देने की बात करके आंदोलन का खत्म करवाने की कोशिश कर रहे हैं. कानून नहीं बना रहे हैं. अगर सरकार का एजेंडा सही है तो कानून बनाने में क्या परेशानी है. अब सरकार और किसानों के बीच वार्ता को लेकर बनाई गई कोऑर्डिनेशन कमेटी ही डिसाइड करेगी की आगे बैठक होगी या नहीं.
और अगर होगी तो वो कहां की जाएगी. वहीं हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ये कानून ट्रेडर्स के लिए लेकर आई है. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी सरकार ने इस बात को कबूला है. हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
केंद्र सरकार धीरे-धीरे APMS एक्ट को खत्म करना चाहती है. ऐसे में किसानों ने 14 दिसंबर को पूरे देश में आंदोलन करने का फैसला किया है. अब हम लोग पूरे देश में रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे. ये धरना अगले ऐलान तक जारी रहेगा. जयपुर से दिल्ली के रास्ते को पूरी तरह जाम किया जाएगा.