मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। वीरभद्र सिंह व अन्य के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया है। ईडी ने यह कार्रवाई तब की है, जब सीबीआई ने सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ ज्ञात स्त्रोतों से इतर 10 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति इकट्ठा करने पर आरोप-पत्र दाखिल किया है।
अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने ताजा समन इसलिए जारी किया क्योंकि वह उनका (वीरभद्र) बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज करना चाहती है। ईडी अधिकारियों के अनुसार, सिंह को 13 अप्रैल को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है। ईडी ने पहले भी सिंह को बुलाया था, मगर आधिकारिक कारणों का हवाला देते हुए वह नहीं गए थे।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी ने लगभग 10.30 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। यह उनकी ईमानदारी से होने वाली कमाई से 192 प्रतिशत ज्यादा है। इस मामले में सात लोगों को षड़यंत्रकर्ताओं के रूप में आरोपी बनाया गया है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का समय वीरभद्र सिंह के 2009 से 2012 के बीच केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान का है। इसके चलते मामला दिल्ली में दर्ज किया गया।इससे पहले ईडी ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी की आठ करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को कब्जे में लेने का फैसला किया था। अदालत ने भी इस फैसले को मंजूरी दे दी थी।