मन की बात पर बेन लगाने से चुनाव आयोग का इंकार

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चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पर बैन लगाने से इनकार कर दिया। बिहार में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही महागठबंधन में शामिल दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है। महागठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, कार्यक्रम के कॉन्टेंट में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पाये जाने पर ही इस मांग को संज्ञान में लिया जा सकता है।

चुनाव आयोग ने आज पीएम के ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पर ‘पूरी तरह रोक’ रोक लगाने की संभावना से इनकार किया। आयोग ने यह बात इन खबरों के बीच कही कि कांग्रेस यह आरोप लगाकर चुनाव इकाई से प्रतिबंध की मांग कर सकती है कि कार्यक्रम बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता का उल्लंघन करता है।

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केवल यह पाए जाने के बाद ही कोई संज्ञान लिया जा सकता है कि कार्यक्रम की सामग्री आचार संहिता का उल्लंघन करती है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम की अगली कड़ी आगामी रविवार को प्रसारित होगी। यह एक नियमित रेडियो प्रसारण है जिसमें मोदी विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हैं।

अधिकारी ने कहा, कैबिनेट बैठक और मन की बात जैसे कार्यक्रम पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, लेकिन निर्वाचन आयोग तब संज्ञान ले सकता है जब पाया जाए कि कैबिनेट का फैसला या कार्यक्रम की सामग्री आचार संहिता का उल्लंघन करती है। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट किया कि वह तथ्य के मामले के संबंध में बयान दे रहे हैं और कांग्रेस या किसी अन्य दल की ओर से इस तरह की किसी मांग से अवगत नहीं हैं।

अधिकारी ने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत की जाती है तो चुनाव आयोग कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग का अध्ययन करता है और तब फैसला लेता है। उन्होंने उल्लेख किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कार्यक्रम के खिलाफ कांग्रेस ने इस तरह की मांग की थी, लेकिन निर्वाचन आयोग को कार्यक्रम में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला था।

कांग्रेस की ब्रीफिंग में पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने तक ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की। शर्मा ने कहा, हम प्रधानमंत्री द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक प्रसारक का दुरूपयोग किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हैं, जो भाजपा के मुख्य प्रचारक और चेहरा हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदाशयता दिखानी चाहिए थी और महत्वपूर्ण चुनाव के समय रेडियो कार्यक्रम से बचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इसके गठबंधन सहयोगी निर्वाचन आयोग से संपर्क करने जा रहे हैं। यह उल्लेख करते हुए कि राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान लोगों तक पहुंचने के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन पर समय आवंटित होता है, उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी कोई अपवाद नहीं है।

जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ नामक रेडियो कार्यक्रम पर बैन लगाने की मांग की है। बिहार में महागठबंधन में शामिल ये दल अब चुनाव आयोग से मिलकर इस कार्य्रकम पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखेंगे। जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने मांग की है कि बिहार में चुनाव खत्‍म होने तक ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए।

गौर हो कि पीएम मोदी आगामी 20 सितंबर को एक बार फिर रेडियो पर ‘मन की बात’ करेंगे। मोदी के इस कार्यक्रम (मन की बात) के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार में महागठबंधन का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलेगा। जानकारी के अनुसार, केसी त्‍यागी, पवन वर्मा और मनोज झा चुनाव आयोग से मिलेंगे और अपनी मांग रखेंगे।

जेडीयू ने कहा कि इस कार्यक्रम पर शीघ्र रोक लगना चाहिए। जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा कि चुनाव खत्‍म होने तक आयोग को इस कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। वहीं, आरजेडी और कांग्रेस भी जेडीयू की इस मांग के समर्थन में उतर आई है। वहीं, कांग्रेस भी बिहार में चुनाव खत्म होने तक पीएम की मन की बात पर चुनाव आयोग से रोक लगाने की मांग करेगी। हालांकि कांग्रेस की ओर से कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।पीएम अगले रविवार को सुबह 11 बजे रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम करने वाले हैं, इसलिए महागठबंधन ने चुनाव आयोग से बिहार चुनाव तक इस पर रोक लगाने की मांग की है। गौर हो कि बिहार में चुनाव का ऐलान होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

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