चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावे के बीच चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को नोटिस जारी किया है। नोटिस में अखिलेश गुट व मुलायम गुट से इस संबंध में अलग-अलग हलफनामा मांगा गया है। चुनाव आयोग साइकिल चुनाव निशान के विवाद का निपटारा परिपाटी और स्थापित सिद्धातों के आधार पर करेगा। बता दें कि सपा के दोनों धड़ों ने इस चुनाव निशान पर अपना दावा ठोंका है।
जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने अखिलेश, मुलायम को नोटिस जारी कर पार्टी संगठन और चुनाव चिन्ह पर जवाब मांगा है। दोनों नेताओं को इस संबंध में 9 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। पार्टी पर एक-दूसरे के दावों को लेकर जवाब मांगने के अलावा चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से समर्थन का हलफनामा भी मांगा है।
अब अखिलेश गुट और मुलायम गुट को पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों और एमएलसी के समर्थन का हलफनामा दाखिल करना है। इस हलफनामे में आयोग ने दोनों गुटों को अपने समर्थक विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, सांसदों के समर्थन का ब्योरा मांगा है। आयोग ने नौ जनवरी यानी सोमवार तक यह हलफनामा दायर करने को कहा है।
बता दें कि पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के वक्त बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से इस संबंध में पत्रकारों ने सवाल पूछा था, जिस पर उन्होंने यह बातें संज्ञान होने व विचार करने की बात कही थी। चुनाव आयोग की ओर से हलफनामा मांगे जाने के बाद समाजवादी पार्टी का मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव गुट सक्रिय हो गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसके मद्देनजर आज अपने समर्थक विधायकों व विधानपरिषद सदस्यों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी संगठन व सिंबल पर दावेदारी के लिए अखिलेश अपनी ताकत व समर्थन का आकलन करेंगे और उसी के अनुरूप चुनाव आयोग में अपनी दोवदारी पेश करेंगे।
बता दें कि टीम अखिलेश की ओर से रामगोपाल यादव ने दावा पेश किया है। रामगोपाल यादव ने पार्टी चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा किया है और 450 से अधिक पन्नों के दस्तावेजों को सौंपा है। मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा के दोनों धड़ों ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा किया है।
जैदी ने कहा था कि पिछले दो-तीन दिनों में चुनाव आयोग को मुलायम सिंह यादव से एक प्रतिवेदन मिला और दूसरा प्रतिवेदन राम गोपाल यादव एवं अखिलेश यादव की तरफ से मिला। राम गोपाल यादव की तरफ से एक विस्तृत दस्तावेज सौंपा गया। सपा में चल रहा घमासान उस वक्त चुनाव आयोग की चौखट तक पहुंच गया जब बीते एक जनवरी को लखनऊ में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से आहूत अधिवेशन में अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
अखिलेश के नेतृत्व वाले धड़े ने कल चुनाव आयोग का रुख किया और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का नेतृत्व अब मुलायम नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे हैं। इससे पहले मुलायम के नेतृत्व वाले धड़े ने साइकिल पर अपना दावा करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था।