द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण ने संसद के सेंट्रल हॉल में मुर्मू को पद की शपथ दिलाई।निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुर्मू शपथ ग्रहण शुरू होने से कुछ समय पहले एक औपचारिक जुलूस में संसद पहुंचे।वह बाद में एक पता देने के लिए निर्धारित है।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए रवाना होने से पहले द्रौपदी मुर्मू अगले पांच साल के लिए राष्ट्रपति भवन, अपने घर और कार्यालय पहुंचे, जहां कोविंद और उनकी पत्नी सविता ने उनका स्वागत किया।निवर्तमान राष्ट्रपति ने तब द्रौपदी मुर्मू को एक संक्षिप्त बैठक के लिए राष्ट्रपति के अध्ययन के लिए अनुरक्षित किया था।
इससे पहले सुबह मुर्मू ने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशन के प्रमुख, सांसद और सरकार के प्रमुख नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए।
इससे पहले सुबह 10 बजे संसद के गेट नम्बर 5 पर काफ़िला संसद भवन पहुंचा. गेट नम्बर 5 पर द्रौपदी मुर्मू और रामनाथ कोविंद उतर कर उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य लोगों के साथ सेंट्रल हॉल की तरफ़ रवाना हुए। और फिर 10 बजकर 10 मिनट पर सेंट्रल हॉल में राष्ट्र गान हुआ।शपथ ग्रहण समारोह आज सुबह करीब 10.15 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में शुरू हुआ, जहां चीफ जस्टिस एन.वी. रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी। इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गयी।
शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल हुए।
संसद के सेंट्रल हॉल में समारोह के समापन पर राष्ट्रपति, राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हुई जहां उन्हें एक ‘इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। साथ ही निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया। मुर्मू (64) ने गुरुवार को विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर इतिहास रच दिया।
द्रौपदी के राष्ट्रपति चुनाव में मिली जीत से एनडीए में खुशी की लहर देखी जा रही है तो वहीं देश के सभी राज्यों के नेताओं ने उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी है और खुशी जाहिर की है।मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 प्रतिशत से अधिक वैध वोट प्राप्त किए और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता।
वह देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं। मुर्मू को सिन्हा के 3,80,177 वोटों के मुकाबले 6,76,803 वोट मिले। वह आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं।