झारखंड की पूर्व राज्यपाल और एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज संसद भवन पहुंची और नामांकन दाखिल किया। द्रौपदी मुर्मू अपना नामांकन दाखिल करने के लिए शुक्रवार 24 जून को ओडिशा भवन से संसद भवन पहुंचीं। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन में महात्मा गांधी, अंबेडकर और बिरसा मुंडा की प्रतिमाओं को पुष्पांजलि अर्पित की।
द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह समेत एनडीए के कई बड़े नेता संसद भवन पहुंच गए हैं।
बताया जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात भी करेंगी। दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा को।
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अपना नामांकन दाखिल करने के लिए शुक्रवार 24 जून को ओडिशा भवन से संसद भवन पहुंचीं। यहां बीजेपी सांसदों ने उनका स्वागत किया। द्रौपदी मुर्मू के नामांकन दाखिल करने से पहले उत्तराखंड के सीएम धामी ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाना साबित करता है कि समाज में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आगे लाना BJP का काम है।
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा पहले अनुसुचित समाज के रामनाथ कोविंद प्रधानमंत्री बने। 75 सालों में इतनी बड़ी जनजाति की किसी ने सुध नहीं ली। प्रधानमंत्री ने अपनी कथनी और करनी को एक रूप देकर समाज के निचले पायदान पर रहने वाले उन समाज के लोगों का आज राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में शामिल होने संसद भवन पहुंचे कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि वो बहुत ही विनम्र महिला हैं और विनम्र पृष्ठभूमि से आती हैं। वो पढ़ी-लिखी और विधायिका एवं प्रशासक के रूप में सक्षम हैं। मुझे लगता है कि हमारे पीएम, एनडीए और भाजपा ने उचित निर्णय लिया है।
बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि विपक्ष आज घड़ियाली आंसू न बहाए और महिलाओं का सम्मान करे क्योंकि हमारी संस्कृति महिला सम्मान की है। भारतीय संस्कृति से जुड़े लोग उनको मना नहीं करेंगे। विपक्ष से प्रार्थना है कि अपनी नाकामी न दिखाएं और सर्वसम्मति से द्रौपदी मुर्मू जी को चुने।
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगुर गांव की रहने वाली है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी है। द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया था।