आतंकियों ने बीएसएफ जवान मोहम्मद रमीज की उनके घर पर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि आतंकी रमीज को अगवा करने की कोशिश कर रहे थे। परिवार वालों ने विरोध किया तो उन्हें गोली मार दी। इस दौरान परिवार के तीन लोग भी जख्मी हो गए। रमीज बारामुला में तैनात थे और 26 अगस्त से 37 दिन की छुट्टी पर थे। उन्होंने 2011 में बीएसएफ ज्वाइन की थी।
जवान की हत्या के बाद इलाके में सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।आतंकियों की फायरिंग में रमीज के पिता मोहम्मद मकबूल, मां और उनकी बुआ जख्मी हुई हैं। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।बताया जा रहा है कि 3 से 4 की संख्या में आए आतंकियों ने घर में घुसकर रमीज और उनके परिजनों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
जम्मू पुलिस के मुताबिक आतंकी घटना के पीछे लश्करे तैयबा का हाथ है।राजनाथ सिंह की मीटिंग से एक दिन पहले 9 सितंबर को कश्मीर में आतंकवादियों ने दो हमले किए थे।पहला हमला अनंतनाग में हुआ। जहां आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी थी।इस हमले में एक पुलिस कॉन्स्टेबल इम्तियाज अहमद शहीद हो गए थे और एक जवान घायल हुआ था।
हमला उस जगह से एक किलोमीटर दूर हुआ, जहां सिक्युरिटी पर्सनल्स के साथ होम मिनिस्टर की मीटिंग होनी थी।दूसरा हमला शोपियां में आर्मी के व्हीकल पर किया गया। एनकाउंटर में एक आतंकी ढेर हो गया है।16 जून को कश्मीर के अचबल में आतंकियों ने घात लगाकर पुलिस पार्टी पर हमला किया था। इसमें 6 पुलिसवाले शहीद हो गए।
आतंकियों ने भागने के पहले इन जवानों के चेहरे बिगाड़ दिए थे। ये लोग रूटीन राउंड पर निकले थे।वहीं, 15 जून को घाटी के हैदरपुरा इलाके में दो अलग-अलग घटनाओं में आतंकियों ने पुलिस जवानों पर हमला किया था। इसमें दो जवान शहीद हो गए थे।जुलाई में सीजफायर की घटनाओं में 9 जवान शहीद और 2 लोगों की मौत हो गई थी। 18 लोग जख्मी हुए थे।
जून में 83 सीजफायर वॉयलेशन, पाक की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) का एक हमला और घुसपैठ की 2 घटनाएं हुई थीं। इसमें 3 जवान शहीद हो गए थे। मई में पाक ने 79 बार सीजफायर वॉयलेशन किया था।कश्मीर के पुलवामा में 26 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट पुलिस लाइन बिल्डिंग पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 8 जवान शहीद हो गए थे।आर्मी के मुताबिक, मौके से 2 आतंकियों की बॉडी भी बरामद की गई थी। लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू के मुताबिक, यह फिदायीन हमला था।
अगस्त महीने में 6 बार अलग-अलग इलाकों में एनकाउंटर हुआ। इसमें 12 अातंकी मारे गए। 2 जवान शहीद हुए।सितंबर में उड़ी में 24, 25 और 26 सितंबर को हुए एनकाउंटर को मिलाकर इस महीने में अब तक 7 आतंकी मारे जा चुके हैं। 2 सितंबर को कुलगाम में एनकाउंटर में सिक्युरिटी फोर्सेस ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इश्फाक पदेर को मार गिराया था।
9 सितंबर को घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी तारिक भट मारा गया था। इसके दो दिन बाद लश्कर-ए-तैयबा के आदिल डार को हथियारों के साथ अरेस्ट किया गया था।एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक कश्मीर में 144 आतंकी मारे जा चुके हैं। यह संख्या इस दशक में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2016 में 150 आतंकी मारे गए थे, लेकिन वो आंकड़ा पूरे साल का था।