भारत में सुधारों को लेकर बोले वित्त मंत्री अरूण जेटली

arun-jaitley

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुनियादी ढांचा तथा बिजली क्षेत्रों में गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की बढोतरी के लिए आज पूर्ववर्ती सरकारों की सुधारों को आगे बढाने में असमर्थता को जिम्मेदार ठहराया।उन्होंने कहा कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जो वैश्विक नरमी से प्रभावित हुए हैं लेकिन सुधारों के अभाव में इनमें से कुछ पर ज्यादा असर हुआ। जेटली ने ब्रिक्स अर्थिक मंच में कहा कम-से-कम दो क्षेत्र बुनियादी ढांचा और बिजली हैं, जहां हम बाह्य कारकों को दोषी नहीं ठहरा सकते।

मुझे लगता है कि हम खुद की असमर्थता से इन क्षेत्रों में पर्याप्त सुधार नहीं ला पाये जिससे बैंकों की कठिनाइयां बढ़ी।इस बारे में विस्तार से बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में प्रमुख समस्या विवादों को उपयुक्त रूप से और तेजी से समाधान में असमर्थ होना रहा। उन्होंने कहा हमने उन्हें अनिश्चित काल तक कठिनाइयों में फंसे होने की अनुमति दी और अब हम कानून में संशोधन, त्वरित अदालत समेत कई कदम उठा रहे हैं।

मुझे उम्मीद है कि हम इससे बाहर निकलने में कामयाब होंगे।जेटली ने यह स्वीकार किया कि राज्य के बिजली वितरण कंपनियों में सुधारों की कमी से बिजली क्षेत्र में दबाव बढ़ा। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि अच्छी बात यह है कि बिजली क्षेत्र में दबाव के कारणों को तेजी से और उपयुक्त तरीके से विश्लेषण किया गया और अब हम इस समस्या का समाधान कर रहे हैं।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश में अब सुधारों को आगे बढ़ाना पहले के मुकाबले ज्यादा आसान हो गया है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि देश की राजनीतिक व्यवस्था में काफी परिपक्वता आयी है और यह इस तथ्य से पता चलता है कि भारत में सुधारों को आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण नहीं रहा जैसा कि 10 या 20 साल पहले था।उल्लेखनीय बैंकों का 8500 अरब रपये से अधिक फंसा कर्ज है, उसमें बड़ा हिससा बुनियादी ढांचा तथा बिजली क्षेत्र का है। उन्होंने कहा कि राज्यों के स्तर पर भी निवेश आकषिर्त करने तथा आर्थिक गतिविधियों में सुधार के लिये सुधारों को आगे बढ़ाने की रूचि है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *