लखनऊ में महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं यह बात मंगलवार को घटी एक घटना ने साबित कर दिया. हैवानों ने न्याय के मंदिर में महिला के साथ हैवानियत की.वकील ने पीड़िता को सरकारी योजना का झांसा देकर डीजे कोर्ट बुलाया. कोर्ट बंद होने के बावजूद महिला उस वकील के इरादे नहीं भांप सकी और बच्चों की परवरिश के लिए योजना के झांसे में आकर कोर्ट आ गयी.
कोर्ट में वकील के मुंशी ने महिला का हाथ पकड़ा. विरोध करने पर उसने मुंह दबाकर दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया. पीड़िता ने वजीरगंज कोतवाली में वकील व मुंशी के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करायी है. इंस्पेक्टर का कहना है कि दोनों की तलाश में छापेमारी की जा रही है.
सआदतगंज निवासी 37 वर्षीय महिला तलाकशुदा है. चार बच्चों की परवरिश के लिए वह कोर्ट में वकील कमल किशोर के चैम्बर में काम करती है. पीड़िता ने बताया कि पति से तलाक का केस वकील रफी अहमद निवासी छितवापुर हुसैनगंज लड़ रहे थे. तलाक होने के बाद भी वह उनके सम्पर्क में थी. करीब चार दिन पूर्व वकील रफी ने महिला को बुलाया.उससे कहा कि सरकार की एक लाभकारी योजना है.
योजना के तहत उसे पांच हजार रुपये मिल सकते हैं, जिससे वह सिलाई मशीन या अन्य कोई सामान खरीदकर बच्चों की परवरिश को और बेहतर कर पाएगी. उसने कहा था कि दो फोटो व आईडी प्रूफ लाना होगा, ताकि फार्म भरवाया जा सके. महिला बहकावे में आयी तो वकील रफी अहमद ने उसे मंगलवार को डीजे कोर्ट स्थित चैम्बर पर बुलाया था. दोपहर करीब तीन बजे महिला डीजे कोर्ट पहुंची. चैम्बर पर उसकी मुलाकात वकील रफी अहमद से हुई.
पीड़िता ने बताया कि वकील ने मुंशी से कहा कि जाओ इनका फार्म भरवा दो. मुंशी ने साथ चलने को कहा और आगे डीजे कोर्ट परिसर में वह गलत हरकतें करने लगा. महिला ने विरोध किया तो मुंह दबाकर उसके साथ गलत काम किया. दरिंदगी का शिकार हुई महिला करीब पांच बजे वजीरगंज कोतवाली पहुंची. उसने हैवानियत की बात बयां की तो पुलिस के होश उड़ गये. आनन-फानन में डीजे कोर्ट चौकी प्रभारी व इंस्पेक्टर डीजे कोर्ट पहुंचे लेकिन वकील व मुंशी गायब मिले.
इंस्पेक्टर महंत यादव ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर वकील रफी अहमद के खिलाफ साजिश व मुंशी के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं की रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी है.इंस्पेक्टर ने बताया कि पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है. उनका कहना है कि मुंशी का नाम अभी साफ नहीं हो पाया है. शुरुआती पड़ताल में पता चला कि आरोपित वकील रफी के दो मुंशी है. वकील रफी भी घर से गायब हैं. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर दबिश दी जा रही हैं.
पीड़िता ने पुलिस को बयान में बताया कि उसे जानकारी थी कि होली पर कोर्ट बंद है, लेकिन वकील रफी ने उसे फार्म भरने की बात कहकर बुलाया था. उनका कहना था कि मंगलवार को काम नहीं होगा. पुराने काम निपटा लेंगे और तुम्हारा फार्म भी आराम से भरवा देंगे. पीड़िता ने कहा कि उससे कहा था कि सरकार की गरीब व अल्पसंख्यक लोगों के लिए योजना है.
डीजे कोर्ट परिसर में पुलिस चौकी स्थापित है. चौकी इंचार्ज यदुनाथ व अन्य सिपाही वहां तैनात हैं. कोर्ट बंद होने के चलते चौकी प्रभारी व सिपाही दूसरे क्षेत्रों में भ्रमण पर थे, लिहाजा चौकी में ताला लगा था. पुलिस का कहना है कि आरोपित वकील व मुंशी को इस बात की जानकारी थी कि चौकी पर आज कोई नहीं होगा.