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शांतिप्रिय देशों को एकजुट हो कर आतंकवाद से लड़ना होगा

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शिकागो – भागवत कथा वक्ता देवकी नंदन ठाकुर ने विश्व शान्ति दिवस के मौके पर अमेरिकी धरती से पूरे विश्व में शांति स्थापित हो ऐसी कामना की। आज उन्होंने अपनी कथा में कहा कि जैसे द्वापर युग में महाभारत युद्ध हुआ था वैसे ही एक बड़े युद्ध के बाद ही शान्ति स्थापित हो सकती है। सभी शान्तिप्रिय देशों को आतंकवाद के विरूद्ध संगठित होकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की जीरो टॉलरेन्स की नीति पर सभी देशों को काम करना चाहिए।

भारत के जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 18 भारतीय जवानों की शहादत पर महाराज जी ने विनम्रता से परंतु कड़े शब्दों में हमले के ज़िम्मेदार भारत के पडोसी देश से कहा की ‘ऐसे हमले कायरता का प्रतीक हैं, सोये हुए और निहत्थे व्यक्ति पर कभी वार नहीं करना चाहिए, ऐसा करने वाला कायर होता है।’

उन्होंने अमरीका की धरती से पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि ”अगर वो अपना भला चाहते हैं तो हमारे देश की तरफ नज़रें उठा कर ना देखा करें, क्योंकि जिस दिन हमारी सेना ने नज़रें तिरछी कर ली, तो पूरी दुनिया में उन्हें कोई बचा नहीं पायेगा। देवकी नंदन ठाकुर ने अपनी कथा में 18 मोमबत्ती (कैंडल) जलाकर शहीदों को श्रदांजलि दी। कथा शुरू करने से पहले 2 मिनट का मौन रखा गया तथा सभी भक्तों ने मिलकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

शिकागो शहर की धरती पर 1893 में स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि उन्हें एक भारतीय होने पर गर्व है क्योंकि भारत ने विश्व को सहिष्णुता और सर्वभौम स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। उसी शिकागो शहर से महाराज जी ने भारत देश के दुश्मनो को यह सलाह देते हुए कहा कि ‘हमारा दुश्मन हमसे सामने से लड़ने की हिम्मत कर ही नहीं सकता क्योंकि उसे पता है कि भारत के जवानों में कितना दम है।

महाराज जी ने यह भी कहा कि”हमारे दुश्मनो को यह समझ लेना चाहिए कि हम तब तक बहुत अच्छे हैं जब तक हम शांति का पाठ करते हैं, और जिस दिन हम शांति का पाठ छोड़ कर युद्ध के मैदान में कदम रखते हैं, उस दिन कोई माई का लाल हमारे जोश को, हमारी ताक़त को संभाल नहीं पाता है, क्योंकि वो हमें उपहार में मिला है, हम धोखा नहीं करते, जो करते हैं कह कर करते हैं।”

इस मौके पर नन्द किशोर जी, नरेश शाह जी, रमन पटेल, बीर सिंह, जगदीश गुप्ता, बिनोद पटेल, अशोक शाह, विजय शर्मा, मधु कपूर, भरत शाह, अशोक चावला, जयंती भाई, मनोहर भाई, बीर शर्मा, अशोक राजपूत, कृष्ण भाई, भरत पटेल आदि के साथ सैंकड़ों भक्त मौजूद रहे।

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