गुरमीत राम रहीम को बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने को डेरा सच्चा सौदा ने अन्यायपूर्ण बताया. इसके साथ ही डेरा पंथ ने फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है. सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के 50 वर्षीय प्रमुख राम रहीम को 2002 में एक अनाम लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किए गए मामले में बलात्कार का दोषी करार दिया.
शिकायत में उन पर दो महिला अनुयायियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था.रिपोर्ट के आधार पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर उनके खिलाफ दिसंबर, 2002 में मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि राम रहीम को सजा 28 अगस्त को सुनाई जाएगी.
उन्हें इस मामले में कैद की सजा सुनाई जा सकती है जो सात साल से कम नहीं होगी. इसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है.डेरा सच्चा सौदा ने अपने एक बयान में गुरमीत राम रहीम को दोषी बनाए जाने के फैसले को अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि वह फैसले के खिलाफ अपील करेगा. पंचकूला की एक अदालत द्वारा 2002 के दुष्कर्म मामले में डेरा प्रमुख के खिलाफ फैसला सुनाये जाने के बाद उनके हजारों समर्थक तोड़फोड़ पर उतर आये.
उन्होंने अदालत का फैसला आने के बाद कई गाड़ियों, इमारतों और रेलवे स्टेशनों को आग लगा दी. निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए डेरा समर्थक डेरा प्रमुख के दुष्कर्म मामले में फैसले के मद्देनजर पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में शहर में जुटे थे. फैसला राम रहीम के खिलाफ आते ही वे हिंसा पर उतारू हो गए.
गौरतलब है कि पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार (25 अगस्त) को गुरमीत राम रहीम को दो महिला शिष्याओं से दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया है. राम रहीम पर वर्ष 2002 में दो साध्वियों से दुष्कर्म करने का आरोप है. इस मामले की अदालत में सुनवाई 2008 में शुरू हुई थी.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनके नाराज भक्त हिंसा पर उतर आए. समर्थकों को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 30 लोगों की मौत हो गई. हिंसा में सुरक्षा कर्मियों सहित 200 लोग घायल हुए हैं. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नाराज डेरा समर्थकों पर गोलीबारी से मौतें हुई.
मृतकों में सभी डेरा समर्थक हैं.पुलिस व अस्पताल सूत्रों ने कहा कि करीब 200 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिसमें से कुछ जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं. कई घायलों को चंडीगढ़ के अस्पताल में रेफर किया गया है. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी.एस. संघु ने शुक्रवार की शाम को कहा कि पंचकुला 100 फीसदी सुरक्षित है.
राम रहीम को दुष्कर्म का दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला घंटे भर में युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया. इसमें पत्रकारों व सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाया गया. कुछ पत्रकार अपनी जान बचाकर भागे और पास के घरों में शरण ली. सुरक्षा कर्मियों व मीडिया के लोगों सहित करीब 200 से ज्यादा लोग हिंसा में घायल हुए हैं. कुछ लोगों के शरीर से खून बह रहा था व कुछ गोलियों से जख्मी सड़क पर पड़े थे.
पंचकूला शहर में हिंसा भड़कने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. पूरा पंचकूला डेरा समर्थकों से घिरा था. डेरा समर्थक पुलिस व सुरक्षा कर्मियों से ज्यादा तादाद में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुस्साई भीड़ ने करीब 100 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कई सरकारी व निजी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया और कुछ में आग लगा दी गई. निवासियों ने कई जगहों पर काले धुएं का गुबार देखा.