डेंगू ने दबे पांव मेरठ में दस्तक दे दी है. आधी-अधूरी तैयारियों के साथ चिकित्सा विभाग डेंगू महामारी से लड़ने की तैयारी में है. वहीं, निजी अस्पतालों ने भी अपने यहां अलग वॉर्ड बना लिए हैं. अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के संदिग्ध मरीजों की रिकॉर्ड भीड़ देखने को मिल रही है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन ने बताया कि मेरठ में अभी तक डेंगू के कुल 8 मरीज मिले हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. जितने भी मरीज हैं सभी व्यस्क हैं, कोई बच्चा नहीं है. इनमें सात पुरुष मरीज हैं जबकि एक महिला मरीज है.
जहां-जहां यह मरीज पाए गए हैं, उन इलाकों में कंटेनर एक्टिविटी की जा रही है, स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ, जैसे आंगनवाड़ी आशा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार विजिट कर रहे हैं.जहां-जहां मरीज पाए गए हैं, जो भी वहां पर कंटेनर है, जैसे कूलर, रेफ्रिजरेटर, पुरानी टायर या अन्य जगहों पर जहां पानी भरे होने की संभावना है, उनको साफ किया जा रहा है.
इससे मच्छर वहां उत्पन्न नहीं हो सकेंगे. नालियों में जहां पानी रुकने की संभावना है, वहां पर एंटी-लार्वा स्प्रे किया जा रहा है. बाकी मच्छरों के लिए फॉगिंग की जा रही है. जहां-जहां यह केस मिले हैं उनके चारों तरफ जितने भी संबंधित इलाके हैं, घर हैं या कॉलोनियां हैं, उनके अंदर भी लगातार ध्यान रखा जा रहा है और एंटी-लार्वा स्प्रे छिड़का जा रहा है. सीएमओ का कहना है कि मेरठ में मिले सभी मरीज स्वस्थ हैं. कोई परेशानी की बात नहीं है. डेंगू की वजह से किसी भी तरह की कोई भी कॉम्प्लीकेशन अभी तक मेरठ में नहीं है.