केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे भारत में किसानों का प्रदर्शन जारी

पंजाब में हरियाणा की सीमा पर विभिन्न जगहों पर गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारी किसान रात भर बारिश और सर्द हवाओं का सामना करते हुए इकट्ठा हुए। केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ये लोग दिल्ली चलो के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे थे जिन्हें हरियाणा पुलिस ने सीमा पर रोक लिया है।

किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स समेत पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को तैनात किया गया है और वे बुधवार शाम से किसानों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते पंजाब-हरियाणा सीमा के करीब के कस्बों में रहने वाले लोगों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां बस सेवा भी अभी बंद है।

किसानों के समूहों के चलते हरियाणा में प्रवेश करने वाली कई लिंक सड़कों को भी बंद कर दिया गया है।भारी सुरक्षा तैनाती और राजमार्ग पर बैरिकेडिंग से असंतुष्ट एक प्रदर्शनकारी किसान गुरदेव सिंह ने अंबाला शहर के पास शंभू सीमा पर मीडिया से कहा हम उन सभी बाधाओं को हटा देंगे जो हमें आगे नहीं बढ़ने देंगी।

उन्होंने यहां तक कहा कि वे गोलियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है और पूरी सीमाओं पर एक तरह से किलेबंदी कर दी गई है। इससे एक दिन पहले किसानों की हरियाणा पुलिस के साथ जमकर हाथापाई हुई थी, जब पुलिस उन्हें दिल्ली की ओर आगे बढ़ने से रोकने में विफल रही थी।

प्रदर्शनकारियों में पुरुष-महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। यहां तक कि स्कूल-कॉलेज के छात्र भी हैं जो ट्रैक्टर-ट्रेलर, कार और मोटरसाइकिल के जरिए पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने में कामयाब रहे। इन पर पानी की तेज धार भी छोड़ी गई।

बाद में ये लोग हरियाणा में मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ मिल गए, जिनका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राज्य प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी कर रहे हैं। चारुनी ने कहा पुलिस को हमारे कार्यकर्ताओं और वाहनों को छोड़ देना चाहिए। हम बैरिकेड्स तोड़ते हुए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।

बता दें कि पुलिस ने हरियाणा के लगभग 100 किसान नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुमान के मुताबिक दोनों राज्यों के लगभग 3 लाख किसान ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार हैं।

ये किसान 33 संगठनों से जुड़े किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है। यह 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।

प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अइगर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाने से रोका गया तो वो दिल्ली की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर देंगे। वहीं हरियाणा में प्रवेश करने से रोके गए किसान संगठनों के नेताओं ने घोषणा की है कि वे एक सप्ताह के लिए बठिंडा और सिरसा जिलों के बीच डबवाली बैरियर पर धरना देंगे।

बीकेयू (उग्राहन) के अध्यक्ष जोगिंदर उग्राहन ने कहा अगर हमें गुरुवार को हरियाणा और दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो हम एक हफ्ते तक सीमाओं पर विरोध करेंगे।दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा है क्योंकि उनके पास शहर में विरोध करने की अनुमति नहीं है।

हरियाणा पुलिस ने भी ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर यात्रियों को पंजाब और दिल्ली के साथ राज्य की सीमाओं के साथ कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने से बचने के लिए कहा है। प्रदर्शनकारी 4 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों अंबाला से दिल्ली, हिसार से दिल्ली, रेवाड़ी से दिल्ली और पलवल से दिल्ली के जरिए यहां आना चाहते हैं।।

कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर देंगे, जिससे वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की ‘दया’ पर निर्भर हो जाएंगे।

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