नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निरंतर चुप्पी और सदन में अनुपस्थिति के खिलाफ विरोध तेज करते हुए बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्य संसद भवन के बाहर गांधी प्रतिमा के समक्ष एकजुट हुए.वाम मोर्चा और आम आदमी पार्टी (आप) को छोड़कर 13 विपक्षी पार्टियों ने संसद में गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन करते हुए नोटबंदी के मुद्दे पर जवाब मांगा.
प्रदर्शकारियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता भी शामिल थे.वाम मोर्चा प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ. उसने दिन में अलग से प्रदर्शन की बात कही है.भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी. राजा ने संवाददाताओं से कहा कि यदि मोदी विपक्ष के प्रश्नों के जवाब नहीं देते तो राष्ट्रपति के पास जाना ही आखिरी विकल्प होगा.
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा 70 लोगों की जान जा चुकी है. क्या यह छोटी सी बात है?कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद आना चाहिए और नोटबंदी पर पूरे बहस के दौरान उपस्थित रहना चाहिए.उन्होंने कहा कि विपक्ष नोटबंदी के मुद्दे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर दृढ़ है.
राहुल गांधी ने नोटबंदी पर कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय प्रयोग अचानक से क्यों किया है.कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी को लेकर उठाए जाने वाले कदम के बारे में वित्त मंत्री को भी नहीं पता था. राहुल ने कहा प्रधानमंत्री को यहां आना, बैठना, बहस करना और हमलोगों को सुनना चाहिए. हम महसूस करते हैं कि नोटबंदी एक घोटाला है और हम एक संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग करते हैं.
राहुल ने पूछा वह यहां आने से क्यों डरते हैं?नोटबंदी को विश्व का सबसे बड़ा ‘जल्दबाजी में बिना विचार किए किया गया प्रयोग’ करार देते हुए राहुल ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी इस निर्णय के बार में नहीं पता था.हालांकि, उन्होंने तुरंत कहा कि कई उद्योगपतियों और भाजपा के सदस्यों को नोटबंदी के निर्णय के बारे में काफी पहले से पता था.