गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली के मस्जिद में पहुंचे मलेशियाई पीएम

भारत के मुख्य अतिथि के तौर पर आए मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने लुटियन दिल्ली के एक मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रज्जाक संसद के निकट जामा मस्जिद में दोपहर करीब एक बजे पहुंचे और वहां आधे घंटे तक रहे. रज्जाक के मस्जिद पहुंचने को देखते हुए इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी थी.

रज्जाक सहित 10 आसियान (ASEAN) नेता राजपथ पर हुए गणतंत्र दिवस परेड के दौरान मुख्य अतिथि रहे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यहां अपने मलेशियाई समकक्ष नजीब रज्जाक के साथ द्विपक्षीय बातचीत की जो आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने और रक्षा, व्यापार व निवेश में सबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित थी.

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सभी 10 नेताओं ने भारत को अपनी इस इच्छा से अवगत कराया है कि वह रणनीतिक तौर पर अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा मुखर भूमिका निभाए. उन्होंने क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में देश के बढ़ते कद को भी माना.

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरन से एक संवाददाता सम्मेलन में जब पूछा गया कि क्या आसियान देशों के नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए ज्यादा मुखर भूमिका की वकालत की तो इस पर उन्होंने कहा, ‘हां’. गौरतलब है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है.

यह पूछे जाने पर कि क्षेत्र में चीन के विस्तार के मद्देनजर आसियान देशों के नेता चाहते हैं कि भारत-प्रशांत में भारत ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाए, इस पर सरन ने कहा कि भारत-आसियान संबंध अपने दम पर टिके हैं.उन्होंने कहा सभी नेताओं ने (भारत-प्रशांत क्षेत्र में) भारत की बड़ी भागीदारी की अपनी इच्छा से अवगत कराया.

भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की ओर से बड़ी भूमिका निभाने की आसियान देशों की इच्छा अहमियत रखती है, क्योंकि दक्षिण चीन सागर विवाद के मुद्दे पर चीन और आसियान के कई सदस्य देशों के बीच तनाव बढ़ रहे हैं.आसियान के सभी 10 सदस्य देशों के नेता यहां भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने और भारत के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आए थे.

भारत-प्रशांत शब्द का जिक्र हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर के क्षेत्रों के लिए किया जाता है, जिसमें विवादित दक्षिण चीन सागर भी शामिल है, जहां वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन और ब्रूनेई लगभग समूचे जलमार्ग पर चीन के दावों पर सवाल उठाते रहे हैं. अमेरिका भारत-प्रशांत जैसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच व्यापक सहयोग की वकालत करता रहा है.

थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई आसियान के 10 सदस्य देश हैं. सरन ने कहा कि आसियान के सभी नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सकारात्मक भूमिका की सराहना की.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *