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कानून मंत्री जितेंद्र तोमर गिरफ्तार

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दिल्ली सरकार के कानून मंत्री और त्रिनगर के विधायक जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस टीम ने तोमर को मंगलवाल सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया और इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए हौज खास पुलिस थाना ले जाया गया और फिर वसंत विहार थाने में शिफ्ट कर दिया गया। तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सोमवार की रात केस दर्ज किया गया था। आम आदमी पार्टी (आप) ने तोमर की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई करार दिया है। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार पार्टी के नेताओं को जेल से डराने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कानून मंत्री तोमर की गिरफ्तारी पर कहा कि सारी कार्रवाई कानूनी प्रक्रियाओं के मुताबिक हुई है। उन्होंने बताया कि शाम को दिल्ली पुलिस एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सारी जानकारी देगी।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। आरोप है कि कानून मंत्री के खिलाफ सबूत होने के बावजूद वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। माना जा रहा है कि जितेंद्र तोमर को अदालत में पेश करके रिमांड लेने की कोशिश की जाएगी। तोमर पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ये जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र से जुड़ीं धाराएं हैं।

‘आप’ नेता संजय सिंह ने इस पर कहा है, ‘जितेंद्र तोमर का पूरा मामला कोर्ट में हैं। मोदी सरकार हमें मुकदमे और थाने से डरा रही है, जिसे हम कुछ समझते नहीं हैं। वह थाने में हमें एक बार नहीं हजार बार भेजें। हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी।’ उन्होंने कहा कि बिना किसी नोटिस के जितेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मामला अदालत में विचाराधीन है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और राम शंकर कठेरिया पर भी फर्जी डिग्री के आरोप हैं, क्या दिल्ली पुलिस में हिम्मत है कि उन्हें थाने ले जाएगी। गौरतलब है कि स्मृति ईरानी पर शपथ पत्र में अपनी शिक्षा के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप है और यह मामला भी अदालत में पहुंच चुका है।

जितेंद्र तोमर पर आरोप है कि उनकी ग्रैजुएशन और एलएलबी की डिग्री फर्जी है। बिहार की तिलका मांझी यूनिवर्सिटी, भागलपुर ने दिल्‍ली हाई कोर्ट को बताया कि जितेंद्र सिंह तोमर का अंतरिम प्रमाणपत्र जाली है और इसका संस्थान के रिकॉर्ड में इसका अस्तित्व नहीं है। दिल्ली पुलिस की एक टीम भी यूनिवर्सीटी में जाकर जांच करके लौट चुकी है। तोमर ने इसी यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने का दावा किया था और उनका कहना है कि उनकी डिग्री 100 फीसदी सही है।

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