अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की जल्द सुनवाई के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी.
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के 26 जुलाई के फैसले के खिलाफ केजरीवाल और आप नेता आशुतोष द्वारा दायर याचिका निरर्थक और अयोग्य है. पीठ ने कहा कि सुनवाई में तेजी समय की मांग है और सभी मामलों में ऐसा होना चाहिए.
पीठ ने यह भी कहा कि अपील पूरी तरह से अयोग्य और सुनवाई में देरी के मकसद से दायर की गयी थी. पीठ ने अपने 33 पृष्ठ के फैसले में कहा कि इस तरह की अपीलें लंबे समय में न्याय के मकसद को नुकसान पहुंचा सकती हैं और हम अधिवक्ताओं से अपील करेंगे कि इस तरह की चुनौतियों को आगे बढ़ाने में सतर्क रहें.
अदालत ने कहा कि केजरीवाल और जेटली के बीच मुकदमे की सुनवाई में तेजी का एकल न्यायाधीश का निर्देश स्पष्ट रूप से अनापत्तिजनक है और किसी भी कारण से इसमें दोष नहीं लगाया जा सकता है.