शिक्षा निदेशालय ने सभी गेस्ट शिक्षकों को अगले साल 31 मार्च तक रिलीव न करने का आदेश जारी किया है जिससे गेस्ट शिक्षकों की नौकरी जाते-जाते बच गई है.लेकिन अब दिक्कत यह आई है कि पहले रिलीव करने का आदेश जारी करने से कई जगहों पर शिक्षकों को रिलीव कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें पुन: ज्वाईनिंग नहीं दी जा रही है.
गेस्ट शिक्षकों का कहना है कि स्कूल के प्रधानाचार्य ऐसा कर रहे हैं. बता दें कि बीते शुक्रवार को इस संबंध में जारी आदेश के तहत गेस्ट शिक्षकों को पोस्ट फिक्सेशन के चलते सरप्लस करार दे दिया गया था.राष्ट्रीय सहारा ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद शिक्षा निदेशालय द्वारा इस आदेश को वापस ले लिया गया.
सोमवार को इस संबंध में आतंरिक आदेश सभी स्कूलों को जारी किया गया था जिसके बाद जिन शिक्षकों को रिलीव किया गया, वहां उनकी रीज्वाईनिंग शुरू कर दी गई.लेकिन कुछ जगहों पर गेस्ट शिक्षकों को पुन: नियुक्ति नहीं दी गई. इसको लेकर बीते दो दिनों से अलग-अलग ग्रुप में गेस्ट शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय के चक्कर काटे और यहां शिकायत की और फिर उप मुख्यमंत्री को भी लिखित पत्र दिया है.
इसके बाद पुन: बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है. एक गेस्ट टीचर ने बताया कि कई शिक्षकों को स्कूलों में रीज्वाईनिंग नहीं कराई गई.साथ ही जब से शिक्षकों को रिलीव किया गया, तब से रीज्वाईनिंग तक की सैलरी का आर्थिक नुकसान हुआ है.साथ ही साथ रीज्वाईनिंग करने में रुकावट किये जाने से मानसिक तौर पर भी परेशानी हुई है.
गेस्ट टीचर प्रतिनिधि डॉ रचना ने बताया कि प्रधानाचार्य ने इस आदेश आने के बावजूद मनमर्जी की. गेस्ट टीर्चस का कहना है कि अचानक से बीच में रिलीव करने से त्योहार के दिनों में उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है.गेस्ट शिक्षकों ने मांग की है कि उनकी ज्वाईनिग की डेट पुरानी ही रहनी चाहिए, क्योंकि बीच में जो गैप हो जाएगा, उससे खामियाजा गेस्ट टीर्चस को भुगतना पड़ सकता है.