रामलीला मैदान में सफाई कर्मचारियों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोशिश सहानुभूति बटोरने की रही। उनका तर्क था कि दिल्ली सरकार के पास एमसीडी की कोई राशि बकाया नहीं है। उनकी सरकार कर्मचारियों के लिए भरपूर पैसा देगी।रामलीला मैदान में जब केजरीवाल बोले तो उनके निशाने पर केन्द्र में बैठी बीजेपी की सरकार रही। वो बोले कि हमें दोषी बनाने की कोशिश की जा रही है कि हम पैसा नहीं दे रहे हैं। दिल्ली सरकार पिछली सरकार के ज्यादा पैसा कर्मचारियों के लिए दे रही है।एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं है जिस वजह से स्थिति पैदा हुई है। केजरीवाल वोले कि वो मई तक की सेलरी ईस्ट एमसीडी और नॉर्थ एमसीडी के लिए देंगे। वहीं इससे पहले सफाई कर्मचारी संगठन प्रतिनिधियों का तर्क था कि फरवरी और मार्च का वेतन भी 12 दिन के हड़ताल के बाद मिला था।
रामलीला मैदान से केजरीवाल से बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही थी जिसमें केजरीवाल ने ईस्ट एमसीडी कर्मचारियों के लिए 293 करोड़ की घोषणा की वहीं वहीं दूसरी नॉर्थ एमसीडी के लिए भी 200 करोड़ रूपयों की घोषणा सीएम केजरीवाल ने की।आपको बता दें कि पूर्वी दिल्ली एमसीडी की हड़ताल को छह दिन गुजर गए हैं। दिल्ली नगर निगम सफाई मजदूर कांग्रेस के पूर्वी दिल्ली अध्यक्ष जयप्रकाश टांक का कहना था कि अप्रैल-मई का वेतन नहीं मिला। इसके अलावा एरियर, मेडिकल सुविधा की दिक्कतें भी हैं।केंद्र सरकार में भाजपा की सरकार है और एमसीडी भी उन्हीं के पास है। ऐसे में भाजपा नेता जानबूझकर कर्मचारियों के हित में वरिष्ठ नेताओं केपास जाकर पैसा नहीं मांग रहे हैं। समाधान की कोशिश भाजपा नेता नहीं कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली एमसीडी ने दिल्ली सरकार से 900 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन दिल्ली सरकार इतनी बड़ी राशि देने की स्थिति में नहीं है। गत वर्ष सरकार की राजस्व वसूली कम रही है। फिर बिजली-पानी सब्सिडी, वाईफाई के अलावा कई अन्य वादों की शुरुआत के लिए भी रकम चाहिए।
यही वजह है कि वित्त विभाग एमसीडी के बही-खाते खोलकर जांच रही है। एमसीडी के पास 19 हजार करोड़ रुपये का पुराना लोन भी है, जिसमें अभी तक कोई राशि वापस नहीं की है।सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सड़क पर कूड़ा बिखरा हुआ है। हालात ये हैं कि नालियों का पानी सड़क पर आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस नेता भी उसमें कई बार शामिल हो चुके हैं।