11 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा संबंधी संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों को हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे। अब से इस योजना के माध्यम से ही सभी तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती की जाएगी।
इस बैठक में रक्षा सचिव, सभी तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के उपस्थित रहने की संभावना है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते जून महीने के दौरान ही भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए इस भर्ती योजना को मंजूरी दी है।
इस योजना को अग्निपथ कहा जाता है और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। अग्निपथ देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन की गई है। यह उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा जो वर्दी धारण करने के प्रति इच्छुक हो सकते हैं जो समकालीन तकनीकी प्रवृत्तियों के अनुरूप हैं और समाज में कुशल, अनुशासित और प्रेरित जनशक्ति की पूर्ति करते हैं।
यह सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को बढ़ाएगा और जोश और जज्बा का एक नया संसाधन प्रदान करेगा, साथ ही साथ एक अधिक तकनीकी जानकार सशस्त्र बलों की दिशा में एक परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा, जो वास्तव में समय की आवश्यकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की मदद से इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी ने अग्निवीर सैनिकों के लिए शैक्षिक योजना भी तैयार की है। यह अग्निपथ योजना के सैनिकों के लिए तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम होगा। किताबी पढ़ाई के अलावा यह कार्यक्रम में थल सेना, नौसेना और वायु सेना में काम के दौरान प्राप्त होने वाले कौशल प्रशिक्षण को भी मान्यता दी जाएगी।
अग्नि वीर सैनिकों के लिए तैयार किए गए इस शैक्षणिक कार्यक्रम के अंतर्गत सैन्य सेवा कौशल को 50 वेटेज दिया जाएगा। शेष 50 फीसदी वेटेज सैनिकों विश्वविद्यालय में प्रदर्शन पर पर आधारित होगा। अग्नि वीर सैनिकों को उपलब्ध कराए जाने वाला यह शैक्षणिक कार्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित कराया जाएगा।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की तरफ से तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम होगा। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें दाखिला बतौर अग्निवीर चयनित होने के उपरांत ही मिलेगा। हालांकि यदि अगर कोई छात्र सैन्य प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाता है तो ऐसे में भी वह डिग्री पूरी कर सकता है। पाठ्यक्रम की न्यूनतम अवधि तीन वर्ष और अधिकतम छह वर्ष है।
इग्नू के मुताबिक पढ़ाई ऑनलाइन मोड में कराई जाएगी और स्टडी मैटीरियल ऑनलाइन व ऑफलाइन उपलब्ध कराया जाएगा।इग्नू के मुताबिक अग्निवीर अपनी रुचि के हिसाब से विषय चुन सकते हैं लेकिन उन्हें कौशल-विकास पाठ्यक्रम के तौर पर कम्युनिकेशन स्किल और इन्वायरमेंटल स्टडी भी पढ़ाया जाएगा।