रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर एक अहम अंतर-सरकारी सुरक्षा फोरम शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को सिंगापुर की यात्रा करेंगे और इस मौके पर वह अपने फ्रांसीसी समकक्ष से बातचीत भी करेंगे क्योंकि दोनों ही देश 36 राफेल लड़ाकू जेट सौदे को अंतिम रूप देने को प्रयासरत हैं। पर्रिकर एशिया की जटिल सुरक्षा चुनौतियों पर भारत का दृष्टिकोण दृढ़ता से रखेंगे, वह बतायेंगे कि कैसे इस क्षेत्र में सैन्य प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन किया जाए और अनिश्चित समयों के लिए रक्षा नीति बनाई जाए।
शांगरी-ला डायलॉग की हर साल मेजबानी एक स्वतंत्र थिंकटैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज करता है। इस साल यह 3-5 जून को हो रहा है।उसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र के 28 देश और अन्य देशों के रक्षा मंत्री एवं सेना प्रमुख हिस्सा लेते हैं। पर्रिकर की अहम भेंटों में एक रक्षा मंत्री जीस येव्वीस ली ड्रायन से मुलाकात होगी। जब दोनों नेता मिलेंगे तब राफेल से संबंधित सामग्री उल्लंघन की स्थिति में की जाने वाली कार्रवाई, कडा उत्तरदायित्व उपबंध और फ्रांसीसी पक्ष द्वारा गारंटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कहा था कि सरकार अगले महीने इस बहुप्रचारित राफेल सौदे को अंतिम रूप देने को लेकर आशान्वित हैं। एक साल से भी अधिक समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 लड़ाकू जेटों की खरीद की घोषणा की थी।