नमाज़ को लेकर झारखंड विधानसभा में गतिरोध जारी, BJP ने हनुमान चालीसा का पाठ कर फिर जताया विरोध

नमाज अदा करने के लिए झारखंड विधानसभा भवन में स्पीकर के आदेश से कमरा नंबर TW-348 आवंटित करने के फैसले पर गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर सड़क से सदन तक विरोध कर रही है. सदन के बाहर बीजेपी ने भजन-कीर्तन कर नाराजगी जाहिर की, तो मंगलवार को सदन के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर अपना विरोध जताया.

वहीं विधानसभा में मॉनसूत्र सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही पर भी इस हंगामे का असर पड़ा. सदन में मंगलवार को भी विपक्ष का हंगामा देखने को मिला. सदन में आते ही बीजेपी विधायकों ने जय श्रीराम के नारा लगाना शुरू कर दिया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त नाराजगी जतायी.

इस दौरान बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से गुजारिश की कि मंगलवार को हनुमान जी के स्मरण का दिन होने के कारण सदन की कार्यवाही को 12:30 बजे तक ही चलाया जाए, और बाकी वक्त विधायकों को हनुमान जी के स्मरण के लिए दिया जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा  कि सदन में अगर इस मुद्दे पर बहुमत है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

इस पर सीपी सिंह ने कहा की नमाज के लिए कमरा आवंटन में बहुमत की बात क्यों नहीं की गयी.इस सब के बीच बीजेपी विधायक के सम्बोधन के दौरान सत्ता पक्ष के विधायक वेल में पहुंच कर नारेबाजी करने लगे. फिर विपक्ष के भी विधायक वेल में पहुंच गए. दोनों तरफ से लगातार नारेबाजी के कारण सदन में तनातनी जैसे हालात बन गए.

इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से विपक्ष के आचरण को लेकर सवाल उठाया गया. झारखंड विधानसभा में विपक्ष के शोर-शराबे और हंगामे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की विपक्ष के पास जाति- धर्म-सम्प्रदाय के अलावा कोई मुद्दा नहीं है, लिहाजा उन्हें जनता जवाब देगी.

JMM विधायक सुदिव्य सोनू के मुताबिक आने वाले समय में इतिहास बीजेपी को माफ नहीं करेगा, काले अक्षरों में  बीजेपी का नाम दर्ज होगा. उन्होंने कहा की जनता विपक्ष के आचरण को देख रही है. हिन्दू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान की राजनीति बहुत दिनों तक नहीं चलेगी.

वहीं कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा की बीजेपी सत्ता जाने के बाद हनुमान जी का सुमिरन करना चाहती है, जब सत्ता थी, तब उन्होंने हनुमान चालीसा का लिए वक्त क्यों नहीं मांगा.वहीं पेयजल मंत्री मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा की सत्र के पहले विधानसभा अध्यक्ष की बुलायी बैठक के दौरान ही बीजेपी के लोगों ने अपना चरित्र दिखा दिया था.

बीजेपी का विरोध सुनियोजित है ताकि सदन ना चल पाए.वैसे तो सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई, लेकिन व्यवधान के बीच कुछ देर प्रश्नकाल भी चला. इस दौरान विधायक सरयू राय ने साल 2016 में स्थापना दिवस के मौके पर गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में तय राशि से ज्यादा भुगतान का मामला उठाया.

इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में जांच का आश्वासन दिया. जांच का प्रारुप कैसा होगा, यह विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री और सरयू राय मिल-बैठकर तय करेंगे.बहरहाल, हंगामे को देखते हुए लग रहा है की झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा.

9 सितंबर को झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का आखिरी दिन है, और पिछले 3 दिनों से चल रही सत्र की कार्यवाही के दौरान विधायी कार्य नाम मात्र के लिए ही हुआ है. ऐसे में आशंका है की कहीं मॉनसून सत्र पर भी पानी ना फिर जाए.वहीं झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित करने के मामले को लेकर बीजेपी 8 सितंबर को झारखंड विधानसभा के सामने धरना देगी.

जबकि अलावा 9 सितंबर को पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा और उन्हें सारे हालत की जानकारी दी जाएगी.इस सबके बीच झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. रांची निवासी भैरव सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

इसमें विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटन के लिए दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को रद्द करने की मांग की गयी है. याचिका में झारखंड विधानसभा के सेक्रेटरी जनरल और झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को प्रतिवादी बनाया है.

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