उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत विकास बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। हरीश रावत नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने आए थे। रावत से यहां पत्रकारों ने मंत्रिमंडल में फेरबदल या राज्य में समयपूर्व चुनाव कराये जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘वह (चुनाव) होगा जब समय आएगा। फिलहाल प्राथमिकता उत्तराखंड का विकास बहाल करना है जो पिछले दो महीने से पटरी से उतर गया था। राज्य के विकास की रफ्तार को एक झटका लगा है, जो हमें फिर लाना है।
उन्होंने कहा, ‘यह हमारे मंत्रिमंडल एवं सरकार के सामने बड़ी प्राथमिकता है और हमारा ध्यान उसी पर है। उत्तराखंड अपना विकास चाहता है। हम अपने तरीके से बढ़ना चाहते हैं। हमारी लड़ाई गरीबी के खिलाफ और विकास के लिए है।’ दरअसल ऐसी अटकल है कि कांग्रेस अपने नौ विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के सामने अब भी बनी हुई अनिश्चितता को दूर करने के लिए समयपूर्व चुनाव करा सकती है।
सरकार बहाल किये जाने के एक दिन बाद रावत सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने दिल्ली आए थे लेकिन वह राहुल से नहीं मिल सके। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री हूं। मैं निश्चित ही राज्य के हित में प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री एवं हरेक से सहयोग मांगना पसंद करूंगा। मेरा उद्देश्य किसी से टकराव नहीं करना है।’
उन्होंने कहा, ‘यह जीत या हार का मामला नहीं है। यदि यह किसी की जीत है तो यह उत्तराखंड के लोगों एवं लोकतंत्र की जीत है। मैं इसे विकास की जीत के रूप में बदलना चाहूंगा। मैं इसके लिए केंद्र सरकार से सभी संभव सहायता लेना चाहूंगा।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें विश्वास मत जीतने के बाद अब केंद्र से किसी बदले की कार्रवाई का डर है तो उन्होंने कहा, ‘मैं डर या आशंका के बारे में बात नहीं करना चाहूंगा। मैं केवल उम्मीद के बारे में बात करूंगा। हमारी उम्मीद है कि हम विकास को वापस ला सकें और उसकी रफ्तार कायम कर सके। मैं इसके लिए सभी के सहयोग का स्वागत करूंगा।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के लिए उनके पास कोई संदेश है, उन्होंने कहा, ‘ऐसे किसी संदेश की संभावना 19 अप्रैल को ही खत्म हो गयी जब वे भाजपा की गोद में बैठ गए। वे उन सांप्रदायिक ताकतों के साथ चले गए जिनके साथ कांग्रेस समझौते नहीं कर सकती।’ कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अपनी भेंट को उन्होंने बड़ा अच्छा बताया और कहा कि उन्होंने पार्टीजन, उत्तराखंड के लोगों और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने और अपनी सरकार बहाल होने के एक दिन बाद गुरुवार को पदभार संभाला और मंत्रिमंडल की एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने पिछली बैठक में लिए गए फैसलों को एक बार फिर मंजूर किया, जिन्हें राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण निरस्त मान लिया गया था।
बैठक में सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की दूसरी बार नियुक्ति, झुग्गी बस्तियों का नियमितीकरण और कई अन्य फैसले लिए गए। एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने त्यूंडी में पुलिस स्टेशन खोलने के राज्यपाल के.के. पॉल के सात मई के आदेश को भी निरस्त कर दिया।