जेएनयू के स्टूडेंट मुथुकृष्णन जीवानाथम ने कथित रूप से खुदकुशी कर ली। वह आंध्र प्रदेश के सलेम का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि वह डिप्रेशन में था। उसने फेसबुक पोस्ट में एम फिल और पीएचडी एडमिशन को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया था। मुथुकृष्णन ने फेसबुक पर रजनी कृश नाम से प्रोफाइल बनाई थी। सोमवार को उसने सुसाइड कर लिया।
वह जेएनयू में एम फिल का स्टूडेंट था। एम फिल और पीएचडी एडमिशन में उसने भेदभाव का आरोप लगाया है।कृष्णन ने 10 मार्च को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा एम फिल और पीएचडी एडमिशन में कोई समानता नहीं बरती जाती। वाइवा में भी भेदभाव किया जाता है। प्रो. सुखदेव थोराट की रिकमंडेशन को नकार दिया गया।
स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट को नकारा गया। मामूली स्टूडेंट्स को नकारा जाता है।अगर आप समानता को नकारते हैं तो सबका विरोध करते हैं।
हालांकि पुलिस को अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि जिससे ये पता चले कि यूनिवर्सिटी के किसी मसले के चलते उसने ये कदम उठाया।
इतना जरूर है कि किसी पर्सनल मुद्दे के चलते वह पिछले कुछ दिन से डिप्रेशन में चल रहा था।पुलिस को जेएनयू के पास मुनीरका विहार में एक शख्स के खुद को कमरे में बंद करने की सूचना मिली थी। इसके बाद सोमवार को करीब 5 बजे पीसीआर वैन पहुंची।मौके पर पहुंची पुलिस जब दरवाजा खोलकर अंदर पहुंची तो मुथुकृष्णन को सीलिंग फैन से लटका पाया।
बताया जा रहा है कि मुनीरका विहार में मुथुकृष्णन अपने एक दोस्त के यहां खाना खाने आया था।बाद में उसने सोने की इच्छा जताई, कमरे में गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।बाद में उसके दोस्तों ने उसे बुलाया लेकिन कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने पुलिस को खबर दी।