अखलाक की हत्या मामले में नोएडा पुलिस ने मीट सैंपल की फोरेंसिक रिपोर्ट मंगलवार को पेश की.रिपोर्ट के मुताबिक अखलाक के घर मिले मीट के सैंपल के बीफ होने की पुष्टि हुई है.मथुरा की वेटरनेरी एंड एनिमल हजबेंड्री की फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन लैब की तरफ से ये रिपोर्ट तैयार की गई है. दादरी के वेटरनेरी हॉस्पिटल को पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सैंपल की केमिकल जांच के आधार पर इसे गाय या इसके बच्चे का पाया गया है.’
पिछले साल गाजियाबाद के दादरी बीफ मामले में नई फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह उजागर हुआ है कि जिस मीट की वजह से 50 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की भीड़ ने घर से निकालकर हत्या की, वह बीफ ही था. हालांकि इससे पहले आई रिपोर्ट में कहा गया था कि वह मटन था.पहले दादरी में ही जांच हुई थी तो बताया गया था कि वह बकरे का मीट है. उसके बाद सैंपल को आगे की जांच के लिए मथुरा की सरकारी फॉरेंसिक लैब में भेजा गया जिसकी ताजा रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वह बीफ है.
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर, 2015 को अखलाक के फ्रीजर में वह मीट मिला था. उसके चलते गुस्साई भीड़ ने अखलाक पर हमला कर उसकी हत्या कर दी. उसके बेटे मोहम्मद दानिश को बुरी तरह पीटा गया. लोगों को अखलाक के परिवार पर गोहत्या और बीफ खाने का शक था. उत्तर प्रदेश में यह गैरकानूनी है.बाद में जब मामले की तफ्तीश के लिए फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जो मीट फ्रीजर से मिला था, वह ‘बकरे’ का था. अब रासायनिक विश्लेषण का कहना है कि मीट का सैंपल ‘गाय या उसके बछड़े’ का था.
यूपी के डीजीपी जावेद अहमद ने एनडीटीवी को बताया कि छह-आठ हफ्ते पहले हमें यह रिपोर्ट मिली थी और हमने इस कॉपी को कोर्ट में पेश किया है. पहले हमें बताया गया कि उसमें मटन था लेकिन अब बाद में लैब ने बताया कि वह बीफ था. हालांकि इससे हमारे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि किसी को पीट-पीटकर मारना अपराध है.
28 सितंबर को दादरी इलाके के एक धार्मिक स्थल से घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है और इसके बाद भीड़ ने 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला. भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं.