भारतीय किसान यूनियन के समर्थक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक बार फिर से इकट्ठा होने लगे. इस वजह से भारी संख्या में भीड़ वहां जमा हो गई. हालांकि गाजियाबाद के प्रशासन ने यूपी गेट से प्रदर्शनकारियों को हटने का अल्टीमेटम दिया है.यहां सुरक्षाबल बड़ी संख्या में तैनात किए गए हैं.
इसके अलावा दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार 66वें दिन किसानों का प्रदर्शन जारी है. वहीं दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों का प्रदर्शन लगातार चल रहा है. बड़ी संख्या में किसान आंदोलनकारी यहां मौजूद हैं.
प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस के जवानों और सुरक्षाबलों को बॉर्डर पर तैनात किया गया है.बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले बागपत, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर से और ज्यादा किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए यूपी गेट पर पहुंच गए हैं.
गौरतलब है कि यूपी गेट पर गाजीपुर में एक वक्त टकराव के हालात बन गए थे, जब गुरुवार की शाम को प्रदर्शन स्थल पर बिजली की कटौती लगातार की गई. गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के सदस्य बीते 28 नवंबर 2020 से धरना दे रहे हैं.
गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय और एसएसपी कलानिधि नैथानी आधी रात के बाद प्रदर्शन स्थल का दौरा करने पहुंचे और हालात की समीक्षा की. अभी मौके पर सुरक्षाबल तैनात हैं.
पुलिस उपाधीक्षक अंशु जैन ने कहा कि सुरक्षाबलों के लगभग तीन हजार जवानों को तैनात किया गया है. इसमें राज्य सशस्त्र बल के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और सिविल पुलिस के जवान शामिल हैं. इन जवानों को गाजीपुर के आसपास तैनात किया गया है.
इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, आरएलडी नेता जयंत चौधरी और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने राकेश टिकैत से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी किसान आंदोलन को अपनी पार्टी का समर्थन दिया है.