तेजस्वी यादव ने अपराध और बेरोजगारी को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राजद के शासनकाल की तुलना में अपराध के मामले में दोगुना वृद्धि हुई है, जबकि एक प्रोपेगैंडा के तहत राजद के शासनकाल को जंगलराज कहा जाता है।
राज्य विधानमंडल के संयुक्त बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बहस में भाग लेते हुए, राजद नेता ने कहा कि लालू प्रसाद के पद छोड़ने के बाद 2005 में राज्य में संयम अपराध के मामलों की संख्या 97,850 थी, लेकिन 2018 में यह संख्या बढ़कर 1,96,911 हो गई।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राजग शासनकाल में राजद शासनकाल से संयम अपराध के मामलों में 101.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
तेजस्वी ने कहा, कि लालू प्रसाद और राबडी देवी के शासनकाल को एक प्रोपोगेंडा के तहत जंगलाराज कहा जाता है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आंकडे बताते हैं कि जंगलराज किनके शासनकाल में है।उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अपराध के मामले में 2000 में बिहार देश में 23 वें स्थान पर था, जबकि 2005 में बिहार का स्थान 26 वें नंबर पर पहुंच गया था।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि राजद के शासनकाल अविभाजित बिहार में अपराध के मामले कम थे, जिसमें 54 जिले थे, जबकि आज झारखंड अलग राज्य बनने के बाद बिहार में 38 जिले हो गए।
तेजस्वी ने इसके अलावा बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए भी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राज्य में राजग की सरकार एक भी कारखाना नहीं लगा पाई। स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया।