एनआईए ने यासीन भटकल के खिलाफ तय किए आरोप

अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों से संबंधित एक मामले में इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल और उसके एक सहयोगी के खिलाफ षड्यंत्र तथा आतंकवाद से संबंधित आरोप तय किए. इन बम विस्फोटों में 26 लोग मारे गए थे और 135 अन्य घायल हुए थे.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए), भारतीय दंड संहिता और विस्फोटक पदार्थ कानून के तहत विभिन्न अपराधों के संबंध में भटकल और उसके सहयोगी असदुल्ला अख्तर के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत की.

वर्तमान मामला दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 के एम-ब्लॉक मार्केट में हुए दोहरे बम विस्फोट से संबंधित है जिसमें नौ लोग घायल हो गए थे. अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों में भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक षड्यंत्र (120 बी) तथा यूएपीए के तहत आतंकी कृत्य की साजिश (धारा 18) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए.

अदालत मामले पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को करेगी.आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया और मुकदमा लड़ने की बात कही. आरोपियों की ओर से पैरवी अधिवक्ता एमएस खान कर रहे हैं.पुलिस ने कहा था कि भटकल और अख्तर अन्य लोगों के साथ दिल्ली में 13 सितंबर 2008 को विभिन्न जगहों पर विस्फोट करने की साजिश का हिस्सा थे.

पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने आतंकी हमलों को अंजाम देकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ा.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भटकल को 28 अगस्त 2013 की रात भारत-नेपाल सीमा से पकड़ा था.बाद में दिल्ली पुलिस ने ग्रेटर कैलाश-1 में हुए विस्फोट के सिलसिले में उसकी हिरासत ली.विस्फोट करोल बाग के गफ्फार मार्केट, कनॉट प्लेस के बाराखंबा रोड और ग्रेटर कैलाश में हुए थे.

इसके साथ ही इंडिया गेट के पास से बम बरामद किया गया था.इसके पहले 6 फरवरी को भी दिल्ली की एक अदालत ने कथित रुप से अवैध हथियार फैक्ट्री लगाने के मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सदस्य यासीन भटकल और 8 अन्य के खिलाफ साजिश एवं आतंक संबंधी अन्य आरोप तय किये थे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप निर्धारित किये थे.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *