एक अच्छी खबर है कि जल्द ही 2 से 18 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जा सकता है. बता दें कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मांगी थी.
बता दें कि एक विशेषज्ञ समिति ने 2-18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की थी. यह ट्रायल AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 विषयों पर किया जाएगा.
ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद भारत बायोटेक ने दावा किया कि सब कुछ ठीक रहा तो 2 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों के लिए वैक्सीन इस साल के आखिर तक आ सकती है. बता दें कि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक एक्सपर्ट्स कमेटी ने कंपनी को तीसरे फेज के ट्रायल के लिए CDSCO से अनुमति लेने से पहले डेटा एंड सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड को दूसरे फेज का सुरक्षा डेटा मुहैया करने का निर्देश दिया है.
इससे पहले 24 फरवरी को हुई बैठक में प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया था और भारत बायोटेक को रिवाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल पेश करने का निर्देश दिया गया था.
बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन टीके का उपयोग देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए 18+ के लिए किया जा रहा है.
इससे पहले सोमवार को ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को इजाजत दी है. अब तक यह वैक्सीन 16 साल से ज्यादा उम्र वालों को लगाई जा रही थी.
इससे पहले कनाडा बच्चों की इस पहली वैक्सीन को इजाजत दे चुका है. ऐसा करने वाला दुनिया का वह पहला देश है. माना जा रहा है कि 12 से 15 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन से अमेरिका में बड़ी संख्या में स्कूल और समर कैंप खुलने का रास्ता साफ हो जाएगा.