पठानकोट में छह आतंकवादी 26 फरवरी को भारत में घुसपैठ करने में सफल हो गए.आश्चर्य की बात यह है कि इस बार भी आतंकी पठानकोट के रास्ते भारत में घुसपैठ करने में सफल रहे. सीमा पर हाई अलर्ट के बावजूद ये आतंकी भारत में कैसे घुसे, यह एक बार फिर सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा करता है. इस बार टारगेट सिर्फ दिल्ली है.खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक होली से लेकर एक सप्ताह के अंदर आतंकी दिल्ली को दहला सकते हैं.
खुफिया सूत्रों के अनुसार बार-बार अलर्ट करने के बावजूद पठानकोट पर हमला हुआ और इस घटना के डेढ़ माह भी नहीं बीते कि फिर छह आतंकवादी भारत में घुस आए और टारगेट दिल्ली को बनाया है. खुफिया सूत्रों के अनुसार 23 मार्च और उसके आसपास वे दिल्ली के होटलों और अस्पतालों पर हमला कर बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं.
खुफिया विभाग ने कहा है कि पाकिस्तानी पूर्व सैन्य अधिकारी मुहम्मद खुर्शीद आलम ऊर्फ जहांगीर पाक खुफिया एजेंसी के इशारे पर आतंकी हमले को अंजाम देने का पाठ पढ़ाता है और उसे अंजाम देता है. खुर्शीद आलम पांच वर्षो से असम में आतंकियों की भर्ती करने, संयोजन करने और जेहादियों के लिए गाइड का काम करता है.
गत 26 फरवरी को खुर्शीद आलम ने अपने छह आतंकी साथियों के साथ पंजाब-पाकिस्तान सीमा से पठानकोट में प्रवेश किया है. इसकी योजना होली या उसके आसपास होटलों और अस्पतालों को निशाना बनाना है. खुफिया विभाग ने कहा है कि इसके पहले वह सितम्बर 2015 में असम के बरपोटा स्थित खरीजा दारूल उलूम मदरसा में पांच दिनों तक रुका भी है.
फिर वह चिरांग भाग गया. उसने असम के धुब्री जिला स्थित हफिजा मदरसा, जो गोलकगंज में है, को अपना मुख्य शरण स्थली बनाया जहां से वह असम के अन्य भागों में जाकर जेहादी बनाता था. खुफिया विभाग ने कहा है कि गोलकगंज का मोहम्मद हफिजुल हक (35), जो पेशे से शिक्षक है और हफिजा मदरसा में पढ़ाता है, आतंकी खुर्शीद आलम के लिए सारे संसाधनों, रहने खाने-पीने से लेकर लोगों से मिलवाने आदि का इंतजाम करता था.