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मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा

मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं। वह सपा की एक और बसपा की दो सीटों को मिलने का दावा कर रही है। इसके बाद कांग्रेस की 117 (बहुमत 116) सीटें हो जाएंगी। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिलीं।

देर रात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मिलने का वक्त मांगा।एके एंटनी पर्यवेक्षक के रूपमें भोपाल पहुंचेंगे। यहां वे पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में भाग लेंगे।

यह माना जा रहा है कि एंटनी दिल्ली से प्रस्तावित मुख्यमंत्री का नाम सहमति के लिए विधायकों के सामने रखेंगे। पार्टी में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रदेेशाध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम उभर कर सामने आए हैं।

बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने के लिए कांग्रेस ने बसपा और सपा से चर्चा की है। इसी के चलतेकमलनाथ ने बसपा विधायकों से समर्थन प्राप्त करने पार्टी सुप्रीमो मायावती और सिंधिया ने सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से चर्चा की। 

कांग्रेस का दावा है कि चार निर्दलीय ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा (बुरहानपुर), राणा विक्रम सिंह (सुसनेर), प्रदीप जायसवाल (वारासिवनी) और केदार चिदाभाई डावर (भगवानपुरा) कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। इन चारों प्रत्याशियों ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

कांग्रेस को सपा के राजेश कुमार (बिजावर) और बसपा के संजीव सिंह (भिंड) और रामबाई गोविंद सिंह (पथरिया) का भी समर्थन मिल सकता है।भाजपा को ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

दोनों अंचलों में भाजपा ने 40 सीटें गंवाईं। इनमें से 38 कांग्रेस के पास गई हैं। 2 सीटें अन्य के खाते में आईं। यहां एससी-एसटी और सवर्ण आंदोलन के अलावा किसान आंदोलन का भी बड़ा असर रहा। इसके अलावा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर ने भी भाजपा का नुकसान किया।

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