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कांग्रेस लैंड बिल की लड़ाई को राज्यों में ले जाएगी

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नरेंद्र मोदी पर किसानों से मिलने और उनकी पीड़ा सुनने का समय नहीं होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज भूमि विधेयक पर लड़ाई को राज्यों में ले जाने की घोषणा की। विपक्षी पार्टी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि भूमि विधेयक को लेकर केंद्र में विफल रहने के बाद वह इसके प्रावधानों को भाजपा शासित राज्यों के जरिये लाने का प्रयास कर रही है।यहां रामलीला मैदान में ‘किसान सम्मान रैली’ को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विवादास्पद भूमि अध्यादेश को किसी भी रूप में लाने के प्रयास के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने का संकल्प व्यक्त किया

और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस विकास का मार्ग अवरूद्ध कर रही है। मोदी पर लोकसभा चुनाव में किये गए वादों को पूरा नहीं करने और सत्ता में आने पर खोखली बातें करने का आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास किसानों से मिलने और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए समय नहीं है और उनकी रूचि और समय केवल उद्योगपति मित्रों के लिए है।

मोदी की विदेश यात्राओं पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हां, उनके पास विदेश यात्राओं के लिए रूचि, समय और धन है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और पिछले 60 वर्षों में देश के विकास की कहानी में भूमिका निभाई और उसे विकास विरोधी नहीं कहा जा सकता है। सोनिया ने कहा कि जब भी सरकार किसानों और गरीबों की समस्याओं को नहीं सुनेगी, कांग्रेस उसके सामने खड़ी होगी।

भूमि विधेयक पर कांग्रेस अध्यक्ष ने किसानों को आगाह किया, लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। युद्ध का मैदान अब दिल्ली से बदलकर राज्यों में चला गया है क्योंकि केंद्र में विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री अब इसे राज्यों में लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। सोनिया ने कहा, हमें अब और सतर्क रहने की जरूरत है अन्यथा आपकी लड़ाई व्यर्थ चली जायेगी और आपको अपनी जमीन से खदेड़ दिया जायेगा। सोनिया ने कहा, जब भी लोगों की समस्याओं को अनसुना किया जायेगा, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा, जब भी किसान सूखे और बाढ़ से प्रभावित होंगे और उन्हें भगवान की दया पर छोड़ दिया जायेगा और खाद्य पदार्थों की कीमतें कम नहीं होंगी, तब कांग्रेस पार्टी इसको रोकने की भूमिका में निभायेगी।

उन्होंने कहा, अगर विकास का मतलब कुछ लोगों को फायदा पहुंचाना होगा तब हम निश्चित तौर पर ऐसे विकास का मार्ग अवरूद्ध करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी राजग सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस को विकास विरोधी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान न केवल अन्नदाता है बल्कि भाग्यविधाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार आने के बाद से किसानों को एक के बाद एक संकटों से गुजरना पड़ रहा है।

भूमि के मुद्दे पर लड़ाई को न केवल जमीन बल्कि किसानों के सम्मान की लड़ाई बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों से कहा कि वे मोदी द्वारा कुछ दिन पहले किये गए उस वादे पर भरोस नहीं करें जिसमें उन्होंने कहा था कि संप्रग के भूमि कानून में बदलाव नहीं होगा। राहुल ने कहा, हम जानते हैं कि मोदी जी क्या हैं । वह जो सोचते हैं, वह बोलते नहीं हैं। इसलिए एक तरफ वह कहते हैं कि कांग्रेस के कानून को नहीं बदलेंगे और दूसरी तरफ अपने मु़ख्यमंत्रियों से इसे लाने को कहते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव करीब आने पर केंद्र ने भूमि अध्यादेश को चौथी बार पुन:स्थापित नहीं करने का निर्णय किया है और यह तय किया है कि विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट का इंतजार किया जाए और राज्यों को अपना भूमि कानून बनाने दिया जाए। रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने अध्यादेश को आगे नहीं बढ़ाने और संबंधित विधेयक में बदलाव पर जोर नहीं देने की बात कही है और यह निश्चित तौर पर कांग्रेस की जीत से पहले किसानों की जीत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 44 सांसदों ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी क्योंकि उसे किसानों की ताकत का समर्थन था।

मोदी के मेक इन इंडिया अभियान पर कटाक्ष करते हुए राहुल ने ‘टेक इन इंडिया’ जुमले का उपयोग किया और कहा, मोदी मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन इसमें किसानों, मजदूरों के लिए कोई जगह नहीं है। मोदीजी कहते हैं कि आपकी जमीन लिये बिना कोई ‘मेक इन इंडिया’ नहीं हो सकता। यह मेक इन इंडिया नहीं है बल्कि वास्तव में टेक इन इंडिया’ है। अंत में आपको कुछ भी नहीं मिलेगा। केवल उनके दो तीन मित्रों को लाभ होगा। राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री केवल अपने सूटबूट वाले कुछ मित्रों के लिए काम करते हैं और किसानों पर कोई ध्यान नहीं देते।

जमीन से किसानों के भवनात्मक लगाव का जिक्र करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राजग के खिलाफ भूमि विधेयक के मुद्दे पर अपने संघर्ष के दौरान ‘एक किसान ने मुझे बताया कि मोदीजी न केवल हमारी जमीन छीन रहे हैं बल्कि हमारी ‘मां’ हमसे ले रहे हैं। वह हमने हमारी ‘मां’ छीनना चाहते हैं और किसी और को देना चाहते हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, तब मैंने समझा कि यह केवल जमीन की लड़ाई नहीं है बल्कि उनके सम्मान, भविष्य की लड़ाई है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि केवल आठ प्रतिशत परियोजनाएं भूमि की अनुपलब्धता के कारण रूकी हुई हैं। राहुल ने गुजरात के भावनगर स्थित अलंग में जहाज तोड़ने वाले यार्ड पर मजदूरों की पीड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी का गुजरात मॉडल मजदूरों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए नहीं है।

उन्होंने कहा कि जहाज तोड़ने वाले मजदूरों की रेडियो सक्रिय तत्वों के कारण समय से पहले मौत हो रही है और इन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को बताना चाहते हैं कि जब भी किसानों और मजदूरों को नजरंदाज किया जायेगा, कांग्रेस कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे।राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी नीतियां बनाते समय युवाओं और किसानों को शामिल नहीं करते हैं और केवल उद्योगपतियों और अमीरों को शामिल करते हैं।

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