गोवा में कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर की स्वास्थ्य समस्या की वजह से उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है. मनोहर पर्रिकर की गैर मौजूदगी से सूबे की सियासत में भूचाल आया हुआ और इसी का फायद उठाते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस राजनीतिक दांव खेलने से नहीं चूक रही है. कांग्रेस ने राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया है.

बताया जा रहा है कि विपक्ष के नेता बाबू कवलेकर के नेतृत्व में 14 विधायक राज भवन पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने राज्यपाल को दो ज्ञापन सौंपे और सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान गवर्नर मौजूद नहीं थे. लेकिन उनके कार्यालय ने ये ज्ञापन ले लिया.

कांग्रेस ने दावा किया है कि कल राज्यपाल ने उन्हें मिलने का समय दिया है. आपको बता दें कि पिछले चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन सरकार बनाने के दावे में देरी जैसी बातों के बीच बीजेपी ने राज्य में सरकार का गठन कर लिया.

दरअसल, मनोहर पर्रिकर के बीमार होने और गोवा में उनकी गैर मौजूदगी के कारण सरकार की सहयोगी पार्टी के कुछ नेताओं ने बीजेपी से सीएम बदलने की मांग की है. सरकार की सहयोगी महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी ने सीएम बदलने की मांग की है लेकिन दिल्ली से गए बीजेपी नेता रामलाल ने सीएम बदलने से इनकार कर दिया है.

बीजेपी की एक केंद्रीय टीम ने बीमार चल रहे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति में वैकल्पिक नेतृत्व के कयास के बीच सोमवार को गोवा के विधायकों से मुलाकात की. यहां एक होटल में सिलसिलेवार बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) राम लाल और उनके सहयोगी बी.एल. संतोष और विजय पुराणिक ने की.

पूर्व ऊर्जा मंत्री महादेव नाईक ने कहा हमने कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहना चाहिए. यह अच्छे के लिए होगा.वो अपना इलाज करा रहे हैं और जल्दी या बाद में स्वस्थ हो जाएंगे. इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि क्या किसी को प्रभारी बनाया जाएगा. हाई कमांड इस पर निर्णय लेंगे.

रामलाल और उनकी टीम ने पार्टी के मौजूदा विधायकों से पर्रिकर के नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती होने के बाद राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने के लिए मुलाकात की थी. बीजेपी के सभी विधायकों और गठबंधन के साथी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने पर्रिकर के मुख्यमंत्री के तौर पर बने रहने की वकालत की थी, गठबंधन के अन्य साथी गोवा फॉरवर्ड और तीन स्वतंत्र विधायकों ने मौजूदा नेतृत्व संकट के ‘स्थाई व्यवस्था’ करने की मांग की थी.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *