भाजपा में शामिल होने से एक दिन पहले कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।उन्होंने यहां विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा।बिश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज की तारीफ करते हुए मीडिया से कहा कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा भव्य चुनाव लड़े। लेकिन बीजेपी को इस पर फैसला लेना है।
उन्होंने दो बार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा को आदमपुर उपचुनाव लड़ने की चुनौती दी, जहां बिश्नोई के इस्तीफे के बाद सीट खाली हुई है।अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक और चार बार के विधायक 53 वर्षीय बिश्नोई, जिन्हें जून में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस-वोट के बाद कांग्रेस द्वारा सभी पार्टी पदों से निष्कासित कर दिया गया था, तीन बार के मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे हैं।
बिश्नोई परिवार ने पांच दशकों में आदमपुर से कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं हारा है।बिश्नोई का गुरुग्राम के एक पॉश व्यावसायिक इलाके (प्राइम बिजनेस लोकेशन) में करीब 150 करोड़ रुपये मूल्य का एक होटल है, जिसे आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के रूप में कुर्क किया था। वह आदमपुर से विधायक थे, जबकि उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई ने 2014-2019 तक हांसी सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
दोनों ने 2014 का विधानसभा चुनाव हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के उम्मीदवार के रूप में जीता था। बाद में पार्टी का 2016 में कांग्रेस में विलय हो गया।उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने हिसार संसदीय सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था, जिसे जीतने में वह असफल रहे थे।
इससे पहले हरियाणा की राजनीति में बिश्नोई को लेकर जारी सस्पेंस खत्म हो गया जब, उन्होंने खुद ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने का ऐलान किया था। बता दें कि कुलदीप ने मंगलवार को ट्वीट करके बताया था कि वह चार अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे।