कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ पहली बार युद्धाभ्यास करने के रूस के फैसले को लेकर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे भारत की विदेश नीति की नाकामी बताया।पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संवाददाताओं से कहा रूस के इतिहास में पहली बार वह पाकिस्तान के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहा है। मेरे मुताबिक यह हमारी विदेश नीति की नाकामी है।
एंटनी ने याद दिलाया कि आजादी के समय से ही रूस हमारा भरोसेमंद मित्र रहा है।उन्होंने कहा जब कभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दा उठाया गया, रूस भारत के साथ खड़ा रहा। कई बार उसने वीटो भी किया। रूस के सशस्त्र बलों का भारतीय बलों के साथ हमेशा संयुक्त सैन्य अभ्यास होता आया है। आजादी के बाद रूस का पाकिस्तान के साथ कभी संयुक्त सैन्य अभ्यास नहीं हुआ।
यह बात उन्होंने तब कही जब उन्हें रूस के इस स्पष्टीकरण के बारे में बताया गया कि वह पाकिस्तान में स्थित तथाकथित आजाद कश्मीर में या गिलगिट और बल्टिस्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में कोई आतंक रोधी अभ्यास नहीं कर रहा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि रूस का फैसला जाहिर करता है कि भारत सरकार की पाकिस्तान के प्रति कोई नीति नहीं है। ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है।