मुंडे की ओर से निविदा आमंत्रित किए बगैर आईसीडीएस योजना के तहत 206 करोड़ रूपये की खरीदारी मामले में उनके संदेह के घेरे में आने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा कि ‘प्रथमदृष्ट्या’ कोई गलती नहीं पाई गई है। फडणवीस ने जांच के आदेश देने से इनकार नहीं किया लेकिन कहा कि जांच के आदेश देने से पहले ‘हर ब्यौरे’ पर गौर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ने मुझे फोन कर कहा कि अगर मैं इस सिलसिले में किसी जांच की जरूरत महसूस करता हूं तो मुझे ऐसा करना चाहिए। मैं निजी तौर पर इस मामले को देख रहा हूं। प्रथमदृष्ट्या कोई अनियमितता प्रतीत नहीं होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंडे ने इस वर्ष फरवरी में खरीदारी को मंजूरी दी थी क्योंकि केंद्र की तरफ से समन्वित बाल विकास सेवाओं के लिए मुहैया कराया गया धन 31 मार्च को खत्म हो जाता।
उन्होंने कहा कि तीन लाख रुपये या इससे ज्यादा की खरीदारी के लिए ई-निविदा आमंत्रित करने का नियम इस वर्ष अप्रैल में उनकी सरकार ने बनाया था। कांग्रेस ने पंकजा पर इन नियमों का उल्लंघन कर सरकारी प्रस्तावों के माध्यम से खरीदारी को मंजूरी देने के आरोप लगाए हैं। फडणवीस ने कहा कि हम एक-एक चीज की जांच करेंगे और अगर अनियमितता पाई जाती है तो जांच के आदेश दिए जाएंगे। फडणवीस सरकार पर कल भ्रष्टाचार का पहला बड़ा आरोप लगा जब कांग्रेस ने भाजपा के दिवंगत दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा पर 24 सरकारी प्रस्तावों के माध्यम से 13 फरवरी को 206 करोड़ रूपये की खरीदारी करने के आरोप लगाए थे।
महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा समन्वित बाल विकास सेवाओं के तहत अल्पाहार, चटाईयां, थालियां और बच्चों के लिए किताबों सहित कई खरीदारियां की गई थीं। कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने इस मुद्दे पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सीबीआई जांच की मांग की। बहरहाल महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महिला और बाल विकास विभाग से निविदा आमंत्रित किए बगैर ठेके देने के आरोपों में जवाब मांगा है।