एनएसजी की बैठक में भारत की सदस्यता के प्रयास का जहां अमेरिका तथा अन्य प्रमुख देश समर्थन कर रहे हैं, वहीं चीन भारत के विरोध में उतर आया है.विश्व के 48 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की बैठक में इस समूह में भारत की सदस्यता के प्रयास का जहां अमेरिका तथा अन्य प्रमुख देश समर्थन कर रहे हैं, वहीं चीन भारत के विरोध में उतर आया है और वह दूसरे देशों को भी अपने साथ लेने का प्रयास कर रहा है.
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत का विरोध करने और चीन का साथ देने वाले देशों में न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका तथा आस्ट्रिया शामिल हैं. यह जानकारी कूटनीतिक सूत्रों ने दी है.भारत के प्रवेश का विरोध करने वाले देशों में से एक देश के राजनयिक का कहना है कि भारत को इस समूह में शामिल करना परमाणु अप्रसार को तमाचा लगाना होगा. इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने समूह के देशों को पत्र लिखकर भारत की सदस्यता के प्रश्न पर आम राय बनाने की अपील की है.
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की बैठक में भारत के बारे में कोई निर्णय किये जाने की संभावना नहीं है. इस प्रश्न पर 20 जून से दक्षिण कोरिया की सोल की बैठक में विचार की संभावना है. एनएसजी में भारत की सदस्यता के विरोध में चीन के साथ न्यूजीलैंड, तुर्की, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रिया जैसे देश हैं.
भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल करने के चीन के विरोध में नरमी आने के कोई संकेत नहीं है. उसका विरोध पाकिस्तान को भी इस समूह की सदस्यता दिये जाने पर समाप्त हो सकता है लेकिन बहुत से देशों को यह स्वीकार नहीं है.पाकिस्तान का विरोध करने वाले देश परमाणु मामले में उसके रिकार्ड को ठीक नहीं पाते और उसके विरुद्ध उत्तर कोरिया तथा ईरान जैसे देशों को चोरी से परमाणु कार्यक्रम देने का आरोप लगाते हैं.