डोकलाम मुद्दे पर मोदी सरकार के आगे चीन ने घुटने टेके

डोकलाम पर मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई है। भारत की विदेश नीति के आगे चीन ने हार मानते हुए डोकलाम से अपने सैनिक हटा लिए हैं। ऐसे में मोदी जी के चलते बिना लड़े भारत ने चीन पर जीत दर्ज कर ली है। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है चीन ने डोकलाम से अपनी सेना हटाई, वाकई मान गए मोदी जी की विदेश नीति को! डोकलाम में चीन ने सड़क निर्माण रोका! यानी ये पहली बार है जब देश न झुका, न थका और बिना जंग के जीत गया.

इसी से जुड़े एक और मैसेज में कहा जा रहा है कि डोकलाम पर मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत और चीन की सबसे बड़ी हार। भारत की विदेश नीति के आगे झुकते हुए चीन ने डोकलाम ने अपनी सेना हटा ली है।वायरल मैसेज में दावा चीन सरकार की ओर से किया जा रहा है कि इसलिए सच जानने के लिए हमनें चाइनीज फॉरेन मिनिस्ट्री की ऑफिशियल वेबसाइट पर इससे जुड़ा बयान या नोटिफिकेशन सर्च किया, लेकिन हमें वहां ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला।

इन्वेस्टिगेशन के दौरान काफी सर्चिंग के बाद हमें चाइनीज फॉरेन मिनिस्ट्री की ऑफिशियल स्पोक्सपर्सन Hua Chunying का 28 अगस्त का सवाल-जवाब से जुड़ा एक लिंक मिला।इस लिंक के सवाल नंबर 1 में लिखा था कि 18 जून को भारतीय सैनिक गैरकानूनी तौर पर डोकलाम में चीन वाले हिस्से में आ गए थे। इसको लेकर चीन ने भारत को इस एरिया से सैनिक हटाने को कहा था।

इसी क्रम में 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे भारतीय सैनिक अपने उपकरण के साथ डोकलाम सीमा से पीछे हट गए हैं। चीनी सेना के अधिकारियों ने ये कंफर्म किया है।इसी लिंक के सवाल नंबर 4 में चाइनीज फॉरेन मिनिस्ट्री की ऑफिशियल स्पोक्सपर्सन ने ये क्लियर कर दिया गया है कि चीनी सेना डोंगलांग (चीन सरकार डोकलाम को डोंगलांग कहती है।) में गश्त जारी रखेगी। ऐतिहासिक समझौते के आधार पर चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखेगा।

वहीं, डोकलाम पर इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- विवाद शुरू होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच ‘डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन’ जारी था। दोनों ने अपनी-अपनी चिंताएं बताईं। हितों पर भी बात हुई। फॉरेन मिनिस्ट्री के बयान में साफतौर पर ये नहीं कहा गया है कि दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम से हटाई जाएंगी।

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