मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 1.42 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए 32 परियोजनाओं को कस्टमाइज्ड पैकेज की मंजूरी दी है। इससे प्रदेश में 32 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
श्री गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की तीसरी बैठक में कहा कि राज्य सरकार निवेश में आने वाली बाधाओं को दूर करने लिए प्रतिबद्ध है।गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया है।
राजस्थान में एमएसएमई नीति-2022, हस्तशिल्प नीति-2022, पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (आरआईपीएस-2019), राजस्थान औद्योगिक विकास नीति-2019 एवं वन स्टॉप शॉप सिस्टम के माध्यम से निवेशकों को अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के प्रस्ताव लगातार मिल रहे हैं। इससे राजस्थान के औद्योगिक विकास को और मजबूती मिलेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इकाइयों की स्थापना और निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है।
उन्होंने इंवेस्ट राजस्थान समिट की तैयारियों के लिए विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि यह समिट प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।गहलोत ने जैसलमेर संभाग में सीमेंट उद्योग के विकास की संभावनाओं के लिए अध्ययन के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में सीमेंट उद्योग के लिए पर्याप्त कच्चा माल जैसे- लाइमस्टोन आदि उपलब्ध हैं।
बैठक में अनुमोदित प्रस्तावों में प्रमुख रूप से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एज्योर पावर प्राइवेट लिमिटेड, रिन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड आदि, प्लास्टिक एवं ग्लास निर्माण में असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड, इलेक्टि्रक वाहन सेक्टर में हीरो इलेक्टि्रक वाहन, ओकाया ईवी प्राइवेट लिमिटेड के अतिरिक्त कपड़ा, खान एवं खनिज, फुड एवं बेव्रेजेज, आतिथ्य, सीमेंट, ऑटो एवं ऑटो कम्पोनेंट और कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण की परियोजनाओं को बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई है।