केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विवादास्पद व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को वापस ले लिया गया है और एक व्यापक डेटा संरक्षण विधेयक तैयार किया जा रहा है। केंद्र की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा प्रस्तुत, इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई के दौरान आया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया, भारतीय उपयोगकर्ताओं को वैश्विक अधिकार क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं से वंचित नहीं होना चाहिए, क्योंकि गोपनीयता अब एक मौलिक अधिकार है और इसके वैश्विक निहितार्थ हैं।मेटा-व्हाट्सएप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने केवल व्हाट्सएप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि गोपनीयता सभी पर लागू होती है।
इस पर, अदालत ने कहा कि भारत में व्हाट्सएप उपयोगकर्ता सबसे ज्यादा हैं। इस मामले में विस्तृत बहस के बाद जस्टिस के.एम. जोसेफ, अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सी.टी. रविकुमार की पीठ ने सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।केंद्र ने अगस्त में वह विधेयक वापस ले लिया, जिसमें पिछले तीन वर्षो में 81 संशोधन देखे गए हैं।
जिसका उद्देश्य एक नया, तेज विधेयक पेश करना है जो व्यापक कानूनी ढांचे में फिट बैठता है और अरबों नागरिकों के डेटा की सुरक्षा करता है। डेटा संरक्षण विधेयक का नया मसौदा डेटा के कुशल उपयोग को बढ़ाने के लिए तैयार किया जा रहा है, क्योंकि उद्योग द्वारा इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा।