तलवार दंपती को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई

तलवार दंपती को बरी किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जांच एजेंसी ने कोर्ट में याचिका लगाई।दरअसल, पिछले साल 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलवार दंपती को इस मामले में सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया था।

इससे पहले, सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के पैरेंट्स राजेश और नूपुर तलवार को 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। रिहा होने तक उन्होंने 9 साल गाजियाबाद की डासना जेल में गुजारे थे।मई 2008 में नोएडा के एक घर में आरुषि और उसके नौकर हेमराज की डेड बॉडी पाई गई थी। गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट इस मामले की सुनवाई की थी।

एडिशनल सेशन जज श्यामलाल यादव ने डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोषी माना था।जस्टिस यादव ने 28 नवंबर 2013 को तलवार दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलटते हुए तलवार दंपती को बरी कर दिया।

दो लोगों का मर्डर हुआ था। आरुषि और हेमराज का। हेमराज (45) की बॉडी आरुषि के मर्डर के एक दिन बाद तलवार दंपती की छत पर एक कूलर में मिली थी।इस केस में पहले कुल पांच लोगों को सस्पेक्ट माना गया।

तलवार दंपती दिल्ली-एनसीआर के जाने माने डेंटिस्ट रहे हैं। डॉ. राजेश पंजाबी और नूपुर महाराष्ट्रियन परिवार से हैं। नुपुर एयरफोर्स के अफसर की बेटी हैं और डॉ. राजेश के पिता हार्ट स्पेशलिस्ट रहे हैं। आरुषि का जन्म 1994 में हुआ था।

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