पंजाब नेशनल बैंक में बेची गई संपत्ति को गिरवी रखकर तीन करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने भाई-बहन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कथित आरोपियों की पहचान नरगिस बिलाल और उनके भाई मुशर्रत अली के रूप में हुई है। वे यूपी के रामपुर से वर्धा कंस्ट्रक्शन फर्म चला रहे थे।
जून 2017 में नरगिस बिलाल ने अचल संपत्ति के खिलाफ ओवरड्राफ्ट के लिए पीएनबी की गाजियाबाद शाखा से संपर्क किया। उसने वर्धा कंस्ट्रक्शन के खाते में सुविधाएं सुरक्षित करने के लिए अपने भाई अली की व्यक्तिगत गारंटी दी। उन्हें 3.68 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।
लेकिन आरोपी ने कर्ज नहीं चुकाया। बैंक ने विभागीय पूछताछ की और पाया कि उन्होंने बैंक को धोखा दिया है।
इसके बाद अपने हितों की रक्षा के लिए, बैंक ने उक्त क्रेडिट खाते में गिरवी रखी गई संपत्ति के संबंध में कानूनी राय मांगी।बैंक के वकील ने कहा कि संपत्ति एक कृषि भूमि थी और 2013 में ही उक्त भूमि को उप-विभाजित करके पहले ही बेच दिया गया था।
विभिन्न व्यक्तियों के पक्ष में 43 विक्रय विलेख निष्पादित करके अभियुक्तों द्वारा इसका निपटारा पहले ही किया जा चुका था। इस प्रकार आरोपी व्यक्तियों ने जालसाजी के माध्यम से बैंक को धोखा दिया।आरोपी ने कर्ज को डायवर्ट भी किया था और वास्तविक व्यापार लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया था।
उन्होंने अलग-अलग फर्मों को आरटीजीएस के माध्यम से पूरी धनराशि भेजी। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर पूरी राशि निकाल ली। उनकी फर्म को भी पिछले साल एनपीए घोषित किया गया था।बयान के मुताबिक पीएनबी ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। हमने धारा 13 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।