सीबीआई ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट की सावधि जमा को फोरक्लोजर करने से संबंधित एक मामले की चल रही जांच के सिलसिले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, दोनों विदेशी नागरिक हैं।सीबीआई ने कहा कि यहां रामपुरम इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया और दो विदेशी नागरिकों की पहचान की गई।
गिरफ्तार किए गए बौसियोमो स्टीव बर्टेड यानिक और मुसासा इलुंगा लुसिएन उर्फ बो बो कथित तौर पर क्रमश: कैमरून और कांगो के निवासी हैं।यह भी आरोप लगाया गया है कि वे कथित तौर पर छात्र वीजा पर भारत में रहे, लेकिन उनके पास अपना मूल पासपोर्ट नहीं था और वे चेन्नई में रह रहे थे।
तलाशी के दौरान दोनों के पास लैपटॉप, मोबाइल फोन, कैमरा, प्रिंटर और कामराजार पोर्ट ट्रस्ट, चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट व बैंक सावधि जमा के कागजात और विभिन्न सरकारी संगठनों के दस्तावेज पाए गए।गिरफ्तार दोनों आरोपियों को चेन्नई की सक्षम अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई ने इंडियन बैंक, चेन्नई की शिकायत पर धोखाधड़ी करने के आरोप में दो निजी व्यक्तियों, इंडियन बैंक की कोयम्बेडु शाखा के प्रबंधक, और अन्य अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ जालसाजी, बैंक के साथ 100,57,50,000 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला 31 जुलाई, 2020 को दर्ज किया था।
आरोप लगाया गया है कि चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के नाम पर बनाई गई कई फिक्स्ड डिपोजिट की फोरक्लोजिंग/प्री-क्लोजिंग के माध्यम से इंडियन बैंक को 45,40,65,000 रुपये का नुकसान हुआ।यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ साजिश में बैंक और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को बैंक की कोयम्बेडु शाखा में फिक्स्ड डिपोजिट खोलने के लिए प्रचार किया और मार्च-मई, 2020 के बीच की अवधि के दौरान 45 सावधि जमा (एफडी) बनाए गए।
आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के उपनिदेशक, वित्त का प्रतिरूपण किया और कोयम्बेडु शाखा में उसके नाम पर नकली चालू खाता खोला।चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से निवेश प्राप्त करने के बाद आरोपी को सीधे बैंक से सावधि जमा रसीद प्राप्त हुई।आरोपियों ने डुप्लीकेट बांड बनाकर चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में जाली बांड जमा करा दिए।
आरोपी ने मूल बांड को कथित तौर पर बैंक शाखा के सामने पेश किया और मूल जमा के कुछ दिनों के भीतर एक के बाद एक सावधि जमा को पूर्व-बंद कर दिया।सावधि जमा के पूर्व-बंद से प्राप्त धन को कथित तौर पर आरोपी द्वारा खोले गए नकली चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के चालू खाते में जमा किया गया था और बाद में उसे 34 विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इस पैसे को 27 खाताधारकों ने निकालकर आरोपियों को सौंप दिया।उस प्रक्रिया में चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से पांच निवेशों में कुल 100.57 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, जिसके खिलाफ विभिन्न राशियों के 45 फिक्स्ड डिपोजिट बनाए गए।
निवेश की गई कुल राशि में से 55.19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद आरोपियों ने बाकी 45,40,65,000 रुपये भी ठग लिए।इस मामले में सीबीआई ने इससे पहले नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं।चेन्नई, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन और नागरकोइल सहित 22 स्थानों पर पहले भी तलाशी ली गई थी।