कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी पर एक जनहित याचिका में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम इसमें से हटाने का निर्देश दिया।मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि संबंधित जनहित याचिका में याचिकाकर्ता का इस मामले में गृह मंत्री के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं है, इसलिए उसका नाम जनहित याचिका से हटा दिया जाना चाहिए।
पीठ ने याचिकाकर्ता को अगले तीन दिनों के भीतर मामले में नई याचिका दायर करने का भी निर्देश दिया।इस मामले में वादी तृणमूल कांग्रेस के करीबी संबंधों के लिए जाने जाने वाले अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार ने जनहित याचिका दायर कर दावा किया कि गृह मंत्रालय में अमित शाह के रहते सीमा पार पशु तस्करी कैसे जारी रह सकती है।
याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि गृह मंत्री के रूप में, शाह का कर्तव्य सीमा पार मवेशी तस्करी को नियंत्रित करने में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की भूमिका की समीक्षा करना है और इसलिए वह इस मामले में अपनी जिम्मेदारियों से इनकार नहीं कर सकते।हालांकि खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार नहीं किया और शाह का नाम हटाते हुए एक नई याचिका दायर करने को कहा।