केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किराए की कोख के व्यावसायिक इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2016 को बुधवार को मंजूरी दे दी.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गयी. बैठक के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि भारत में किराये की कोख के बढ़ते चलन और इसके व्यावसायिक इस्तेमाल की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इसको
नियंत्रित करने के लिए एक विधेयक तैयार किया है जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी.समाज में फिल्मी कलाकारों और अमीर वर्ग के लोगों द्वारा संतान पैदा करने के लिए किराये की कोख का बेजा इस्तेमाल करने की घटनाओं को देखते हुए इस तरह के विधेयक की लंबे समय से मांग की जा रही थी. उन्होंने बताया कि इस विधेयक में किराये की कोख के व्यावसायिक इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया गया है.
एक महिला अपने जीवनकाल में एक ही बार अपनी कोख किराये पर दे सकती है. इस व्यवस्था के नियमन के लिए केन्द्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और प्रदेशों में राज्य सरोगेसी बोर्डों का गठन किया जायेगा.केवल निसंतान विवाहित दम्पति को ही संतान पैदा करने के लिए कोख किराये पर लेने का अधिकार होगा. इस अधिकार का इस्तेमाल विवाह के पांच वर्ष बाद ही किया जा सकेगा.